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National Maritime Day 2022 : इस बार स्मार्ट और हरित समाधान विषय पर जोर

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश में भारतीय नौसेना दिवस 4 दिसंबर को मनाया जाता यह तो बहुत से लोगों को पता होगा लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि भारत में राष्ट्रीय समुद्री दिवस यानि नेशनल मैरीटाइम डे कब मनाया जाता है। जी हां, विश्व समुद्री दिवस और राष्ट्रीय समुद्री दिवस दोनों अलग-अलग दिनों में मनाए जाते हैं।

बताया जाता है कि विश्व समुद्री दिवस जहां सितंबर के अंतिम वीरवार को मनाया जाता है, वहीं भारत में राष्ट्रीय समुद्री दिवस हर साल 5 अप्रैल को मनाया जाता है। तो भारत आज 59वां राष्ट्रीय समुद्री दिवस मना रहा है। पिछले लभगभ ढाई सालों में देश के साथ समुद्री परिवहन उद्योग भी कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक और अन्य समस्याओं से घिरा हुआ था। तो चलिए जानते हैं राष्ट्रीय समुद्री दिवस की शुरुआत कब और कहां से हुई।

भारत के लिए क्यों हैं खास दिन (National Maritime Day 2022)

  • राष्ट्रीय समुद्री दिवस भारत के लिए बहुत खास है। दरअसल, राष्ट्रीय समुद्री दिवस 5 महासागरों में व्यापार को सुविधाजनक बनाकर समुद्री अर्थव्यवस्था के राष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक है। अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत समुद्री व्यापार के मामले में दुनिया का 16वां सबसे बड़ा देश है।
  • देश का समुद्री व्यापार लगभग 12 प्रमुख बंदरगाहों से होता है और देश के समुद्र तट की बात करें तो यह 7517 किमी लंबा है 6.17 लाख किलो माल ढुलाई देश के प्रमुख बंदरगाहों से होती है। दिसंबर 2018 तक भारत में 43 शिपिंग कंपनियां हैं, जिनके पास कुल 12.69 मिलियन सकल टन भार के साथ 1,401 जहाज हैं। इस साल राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2022 की थीम पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी की जानी है।

भारत में पहला राष्ट्रीय समुद्री दिवस कब मनाया गया?

5 अप्रैल, 1919 को पहला भारतीय जहाज मुंबई से ब्रिटेन की यात्रा पर निकला था। सिंधिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी लिमिटेड का पहला स्टीम शिप एसएस लॉयल्टी मुंबई से लंदन की पहली समुद्री यात्रा पर रवाना हुआ था। इसकी याद में 1964 से हर साल 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाने लगा।
यह भारत का पहला स्वदेशी जहाज भी माना जाता है।

राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान कहां है ?

राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक प्रयोगशाला है। इसका मुख्यालय गोवा में स्थित है तथा मुम्बई, कोच्चि एवं विशाखापट्टनम में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इसकी स्थापना 01 जनवरी सन् 1966 को हुई थी। इसका मुख्य ध्येय उत्तरी हिन्द महासागर के विशिष्ट समुद्र वैज्ञानिक पहलुओं का विस्तृत अध्ययन करना है।

भारत में कब निर्मित हुआ ? (National Maritime Day 2022)

यह जहाज मूलत: एक ब्रिटिश जहाज था जो 1890 में भारत में ही निर्मित हुआ था। 485 फुट लंबा यह जहाज 5940 टन का था इसे ग्वालियर के महाराज ने 1914 में खरीदा था जो बाद में उन्हीं के नाम की कंपनी ने खरीद लिया था। इस कंपनी में वालचंद हीराचंद और नरोत्तम मोरारजी की भागीदारी थी। इस जहाज की पहली यात्रा 5 अप्रैल 1919 को शुरू हुई थी।

5 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है ये दिवस

इस जहाज की यात्री क्षमता 700 यात्रियों की थी जिसे बाद में कार्गो जहाज में बदल दिया था और केवल चार साल बाद ही इसका उपयोग बंद कर दिया था। लेकिन यह जहाज और इसकी पहली यात्रा को भारत के समुद्री व्यापार के लिहाज से अहम अवसर माना जाता है यही वजह है कि 5 अप्रैल को ही हर साल यह दिवस मनाया जाता है।

आज के समय की मांग

इस समय दुनिया में युद्ध की वजह से जहां वैश्विक स्तर पर तनातनी का माहौल है। वहीं इसका असर सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय नौपरिवहन पर हो रहा है। दुनिया में व्यापारिक वर्चस्व का महत्व बहुत पहले ही रहा है और युद्ध के दिनों में व्यापारिक मार्गों की संवदेशनशीलता हमेशा ज्यादा रही है। ऐसे में रूस युक्रेन युद्ध के बाद समुद्री व्यापारिक यातायात और मार्गों की रक्षा और ज्यादा जरूरी हो गई है।

क्यों है भारत में समुद्री यातायात की अहम भूमिका?  (National Maritime Day 2022)

  • भारत में समुद्री व्यापार और यातायात आजादी से पहले पूरी तरह से अंग्रेजों पर निर्भर था। लेकिन आजादी के बाद हिंद महासागर में समुद्री यातायात में भारत का एक अतंरराष्ट्रीय महत्व है। पूर्वी एशिया में जिस तरह से चीन दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों को परेशान कर उनके समुद्री यातायात के लिए खतरा बढ़ा है। उसी का नतीजा है कि भारत, जापान, आस्ट्रेलिया और अमेरिका ने मिलकर क्वाड समूह की स्थापना की है।
  • कहते हैं कि आज के समय भले ही जमीनी सीमाओं पर ज्यादा जोर दिया जाता रहा हो, लेकिन भारत जैसे देश जिसका 95 प्रतिशत व्यापार समुद्री यातायात पर निर्भर हो, उसी से इस उद्योग के महत्व का पता चलता है। हाल ही में भारत ने 400 अरब का रिकॉर्ड व्यापार किया है जिसमें समुद्री यातायात की अहम भूमिका रही है।

रॉयल इंडियन नेवी नाम क्यों रखा गया? ( National Maritime Day 2022)

भारत में समुद्री व्यापार और नौसेना का महत्व अंग्रेजों के जमाने से बढ़ा था जो समुद्र के रास्ते ही भारत आए उस समय दुनियाभर में समुद्री रास्तों पर वर्चस्व की लड़ाई हो रही थी। अंग्रेजों ने भारत में द रॉयल इंडियन मरीन की स्थापना की। 1934 में इसका नाम रॉयल इंडियन नेवी रखा गया लेकिन उसका सही उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुआ। आजादी के पहले समुद्री परिवहन अंग्रेजों के निजी फायदे के लिये हुआ करता था। 1950 में इसका नाम बदलकर भारतीय नौसेना कर दिया गया। धीरे-धीरे समुद्री व्यापार और शिपिंग का महत्व बढ़ता गया।

मेरीटाइम इंडिया विजन-2030

समुद्री नौवाहन में आमूचूल परिवर्तन लाने के लिए केन्द्रीय सरकार ने 10 वर्षों का लक्ष्य तय किया। इसके तहत बन्दरगाह परियोजनाओं में 3 लाख करोड़ का निवेश करने का लक्ष्य रखा गया। इस परियोजना के तहत लगभग 20 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान हो सकते है। इस प्रमुख बन्दरगाहों से 20,000 करोड़ को सालना आय के अवसर मिलने की संभावना है।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस 2022 की थीम क्या?

2022 राष्ट्रीय समुद्री दिवस की थीम समुद्री परिवहन है। इसमें स्मार्ट और हरित समाधान विषय पर जोर दिया जोर देते हुए, दोनों देश शिपिंग, बंदरगाह प्रबंधन, रसद, जहाजों के निराकरण, शिपयार्ड, नौसेना उपकरण निमार्ताओं कंपनियों के साथ मिलकर काम करेंगे। साल 2021 में राष्ट्रीय समुद्री दिवस की थीम थी कोविड-19 से परे सस्टेनेबल शिपिंग थी।

National Maritime Day 2022

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Suman Tiwari

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