इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आज नौसेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, कि रूस-यूक्रेन जंग से एक बार फिर पता चल गया है कि बाहरी निर्भरता के बिना आत्मनिर्भर होना अनिवार्य रूप से जरूरी है। रक्षा मंत्री ने कहा, कहा कि भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर भारत अभियान में अग्रिम मोर्चे पर रही है और इसे अपना नेतृत्व करना कायम रखना होगा।
नौसेना इकाइयों को कमीशन करना काबिलेतारीफ
राजनाथ ने कहा, नौसेना को कमांडरों के पिछले सम्मलेन के बाद से आईएनएस विशाखापत्तनम सहित प्रमुख नौसेना इकाइयों को कमीशन करने के लिए मैं भारतीय नौसेना की प्रशंसा करता हूं। उन्होंने कहा, हमारी नौसेना देश में विदेशी कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। पिछले चार दशकों में 45 से अधिक मित्र देशओं के 19 हजार से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है।
हिंद महासागर क्षेत्र में स्थापित की है उत्तरदाई उपस्थिति
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना हमारे समुद्री हितों की रक्षा करना जारी रखे हुए है। इसके साथ ही नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में एक विश्वसनीय और उत्तरदाई उपस्थिति भी स्थापित की है। उन्होंने इस पर खुशी जाहिर की कि सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत नौसेना ने अपने पूंजीगत बजट का 64 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा देश की अर्थव्यवस्था में ही निवेश किया है। आॅर्डर पर मौजूद पनडुब्बियों और 41 जहाजों में से 39 का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है।
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