Nawab Malik Press Conference
इंडिया न्यूज, मुम्बई:

क्रूज ड्रग केस में आरोप-प्रत्यारोप और एक-दूसरे के खुलासों पर आधारित बम फोड़ने का सिलसिला जारी है। दिवाली से पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने एनसीपी नेता नवाब मलिक के आरोपों को फुलझड़ी करार दिया और असली बम दिवाली के बाद फोड़ने की बात कही थी।

वायदे के मुताबिक देवेंद्र फड़णवीस ने बीते दिन नवाब मलिक के अंडर वर्ल्ड से संपर्क होने के आरोप लगाए थे जिसके बाद आज सुबह नवाब मलिक ने हाइड्रोजन बम फोड़ने की बात करते हुए प्रेस कांफ्रेंस की और देवेंद्र फड़णवीस पर गंभीर आरोप लगाए। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवाब मलिक ने कहा कि हम जिस अधिकारी के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है क्योंकि देवेंद्र जी के उस अधिकारी से पुराने संबंध हैं। 2008 में कोई अधिकारी नौकरी पर आता है और 14 साल से मुंबई शहर छोड़ता नहीं, इसके पीछे क्या राज है?

नवाब मलिक ने कहा कि 5 साल पहले देश में नोट बंदी हुई तो देश के हर हिस्से में जाली नोट पकड़े जाने की खबरें आई थी लेकिन महाराष्ट्र में एक भी जाली नोट का मामला सामने नहीं आया। देवेंद्र जी के प्रोटेक्शन में महाराष्ट्र में जाली नोटों का खेल चल रहा था।

8 अक्टूबर 2017 को एक छापेमारी में 14 करोड़ 56 लाख से ज्यादा के जाली नोट पकड़े गए थे। इतना ही नहीं, जाली नोट का कनेक्शन आईएसआई और पाकिस्तान-बांग्लादेश से था। पाक में बने जाली नोट भारत में चले। मुंबई से इमरान आलम शेख और पुणे से रियाज शेख के अलावा नवी मुंबई में भी एक गिरफ्तारी हुई थी। लेकिन 14 करोड़ 56 लाख की जब्ती को 8 करोड़ 80 लाख रुपए बताकर मामला दबा दिया गया। यह मामला एनआईए के पास नहीं दिया गया। जो लोग जाली नोट का रैकेट चला रहे थे, उन्हें तत्कालीन सरकार का संरक्षण प्राप्त था। उस मामले को देवेंद्र फडणवीस ने रफा-दफा करवा दिया था।

आरोपी को बनाया माइनॉरिटी कमीशन का चेयरमैन

नवाब मलिक ने कहा कि जाली नोट का आरोपी इमरान आलम शेख को 6 महीने बाद माइनॉरिटी कमीशन का चेयरमैन बनाया गया। जबकि यह एक गुंडा है, जो बांग्लादेशियों को इस देश में आबाद करता है। देवेंद्र जी, वह किसी भी पार्टी में रहे, काम आपके लिए करता है। आपने राजनीति का क्रिमिनलाइजेशन किया।

देवेंद्र के इशारे पर होती थी उगाही

नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में चाहे कोई मामला बिल्डर्स का हो या फिर झगड़े का, सब में उगाही की जाती थी। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र के इशारे पर ही उगाही का काम हो रहा था। इतना ही नहीं, अगर विदेश से अंडरवर्ल्ड का फोन आ जाता था तो पुलिस भी मामला रफा-दफा कर देती थी।

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