India News (इंडिया न्यूज), JDU vs NDA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार (27 जुलाई) को दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। इसके बाद चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है। ऐसे में सियासी हलचल तेज हो गई है क्या अब NDA और JDU में खटास है। हाल ही में जब 23 जुलाई को देश का बजट पेश हुआ उसके बाद से ही खटपट की खबरें आ रह हैं। लंबे समय से बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग बिहार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं। ऐसे में बजट में उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आया।अब इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी शुरू हो गई है। हालांकि इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। बिहार से उपमुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि पहुंचे। इन सबके बीच ये संभावना जताई जा रही है कि क्या नीतीश की पार्टी NDA को जटका देने वाली है।
क्या सीएम नीतीश देंगे झटका?
खटास के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने शनिवार को साफ कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में पड़ोसी राज्य झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए अपने सरकारी आवास पर पार्टी की एक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में झारखंड प्रभारी और जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, बिहार के मंत्री अशोक चौधरी और झारखंड जेडीयू इकाई के प्रमुख और राज्यसभा सांसद खीरू महतो और अन्य ने भाग लिया।
सभी सहयोगियों को तोड़कर..BJP-मृत्युंजय तिवारी
मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “सवाल यह है कि क्या उन्हें पता है कि बिहार को कुछ नहीं मिलने वाला है। बिहार को कुछ नहीं दिया गया है और सरकार उनके समर्थन से बनी है। हनीमून पीरियड खत्म होते ही भाजपा धीरे-धीरे सभी सहयोगियों को तोड़कर खत्म कर देगी।” उन्होंने आगे कहा, “बिहार की जनता नीतीश जी से सवाल करेगी कि उन्होंने बिहार को क्या दिया? क्या मुख्यमंत्री यह कह सकते हैं कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग खत्म हो गई है।” मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार अंदर से पूरी तरह से नाराज हैं और उन्हें यह भी डर है कि भाजपा उनके साथ खेल करेगी। क्या नीतीश कुमार फिर से पाला बदलेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि इस बात की क्या गारंटी है कि वे पाला नहीं बदलेंगे?