India News(इंडिया न्यूज), NEET Paper Leak Case: नीट-यूजी परीक्षा लीक मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। बिहार पुलिस ने इस मामले में अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में से पांच नीट यूजी अभ्यर्थी हैं। वहीं, अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है।
इतने लाख रुपये में बेचे गए नीट के पेपर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार पुलिस द्वारा गुरुवार को गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों ने स्वीकार किया कि परीक्षा से एक दिन पहले कुछ अभ्यर्थियों के लिए प्रश्नपत्रों की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए आरोपियों ने नीट अभ्यर्थियों से करीब 30-32 लाख रुपये लिए थे।
परीक्षा से एक दिन पहले मिला था पेपर
पुलिस के सामने अनुराग यादव, उसके चाचा सिकंदर यादवेंदु, नीतीश कुमार और अमित आनंद नामक नीट अभ्यर्थी ने चौंकाने वाला कबूलनामा किया है। मालूम हो कि चारों कथित तौर पर पेपर लीक के मास्टरमाइंड हैं। आरोपियों ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि 5 मई को आयोजित परीक्षा से एक दिन पहले नीट के पेपर उपलब्ध कराए गए थे।
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अनुराग यादव ने पुलिस को क्या बताया?
नीट अभ्यर्थी अनुराग यादव ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि उसके चाचा सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने उसे पहले ही नीट के पेपर दे दिए थे। अनुराग ने बताया कि मैं कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था, तभी मेरे चाचा ने मुझे पटना बुलाया और अमित और नीतीश के पास ले गए। इस दौरान दोनों ने मुझे पेपर और उसकी आंसर की दी। यहां मुझे सारे उत्तर याद करने को कहा गया। अगले दिन जब मैं परीक्षा में बैठा तो मुझे वही पेपर मिले।
हालांकि परीक्षा के बाद पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया। ऐसे बनी पेपर लीक की भूमिका नीट पेपर लीक की घटनाओं पर यादवेंदु ने बताया कि परीक्षा से पहले अमित और नीतीश ने पेपर लीक के बारे में बताया था कि नीट के प्रश्नपत्र लीक होंगे और इस पर करीब 30-32 लाख रुपये खर्च होंगे। हालांकि मैंने इस बारे में दोनों की बात मान ली और बाद में इन चारों छात्रों आयुष कुमार, अनुराग यादव, शिवानंद कुमार और अभिषेक कुमार को बता दिया। उन्होंने आगे बताया कि लालच में आकर मैंने प्रत्येक छात्र से 40 लाख रुपये मांगे, लेकिन पुलिस ने मुझे इस मामले में पकड़ लिया।
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