India News (इंडिया न्यूज), NEET Paper Leak: इस बार नीट परीक्षा को लेकर संसद से लेकर सड़क तक हंगामा हुआ। मामला इतना गरमाया कि कोर्ट तक पहुंच गया। अब इस मामले में NTA ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में NTA ने कहा कि पटना/हजारीबाग मामले में किसी भी ट्रंक में कोई प्रश्नपत्र गायब नहीं मिला। हर प्रश्नपत्र का एक अलग सीरियल नंबर है और उसमें एक खास उम्मीदवार है। यह भी बताया गया कि कोई भी ताला टूटा हुआ नहीं मिला। NTA ऑब्जर्वर की रिपोर्ट में कोई प्रतिकूल बात नहीं बताई गई। कमांड सेंटर में CCTV कवरेज पर लगातार नजर रखी गई। इसलिए किसी भी अप्रिय घटना या पेपर लीक का कोई संकेत नहीं मिला।
- नीट पेपर लीक मामले में फर्जीवाड़ा का वीडियो
- कोई प्रश्नपत्र गायब नहीं है
- 61 अभ्यर्थियों को 720 अंक दिए जाने की शिकायत पर दिया स्पष्टीकरण
नीट पेपर लीक मामले में फर्जीवाड़ा का वीडियो
एनटीए ने भी कथित लीक से इनकार किया है। एनटीए ने कहा कि 4 मई को लीक हुए परीक्षा पेपर की तस्वीर सामने आई है, लेकिन एक तस्वीर, जिसे संपादित किया गया था, उसमें 5 मई, 2024 को 17:40 का समय दिखाया गया है। इसके अतिरिक्त, लिंक से पता चलता है कि सदस्यों ने कहा कि वीडियो फर्जी था। प्रारंभिक लीक की झूठी धारणा बनाने के लिए टाइमस्टैम्प में हेरफेर किया गया था। सोशल मीडिया पर तस्वीरें और चर्चाएँ इस बात की पुष्टि करती हैं कि वीडियो में छवि संपादित की गई थी, और तारीख को 4 मई को लीक होने का सुझाव देने के लिए संपादित किया गया था।
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कोई प्रश्नपत्र गायब नहीं है
एनटीए ने कहा कि ट्रंक से कोई प्रश्नपत्र गायब नहीं है। पुराने प्रश्नपत्रों को वॉट्सऐप और सेल्फी के जरिए कौन गायब करता है? फोटो खींचकर उसे सर्कुलेट करता है। साथ ही यह भी कहा गया है कि जांच को रद्द करने के लिए सेल्फी की स्क्रीन इमेज को एडिट किया गया। नीट परीक्षा को लेकर कौन विवाद खड़ा करना चाहता है, इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। कुल मिलाकर जब सरकार जांच से पहले ही किसी भी तरह के आरोपों से इनकार कर रही है, तो ऐसे ही हलफनामे की उम्मीद थी। सरकार ने यह भी नहीं बताया कि इन सात सदस्यीय समितियों में कौन-कौन लोग शामिल हैं।
61 अभ्यर्थियों को 720 अंक दिए जाने की शिकायत पर दिया स्पष्टीकरण
वीडियो में स्क्रीनशॉट से शिकायतों की मनगढ़ंत प्रकृति उजागर होती है। 61 फीसदी को 720 अंक मिलने पर एनटीए के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि 61 फीसदी में से केवल 17 अभ्यर्थी ऐसे थे, जिन्हें 720 अंक मिले। लेकिन फिजिक्स की एक उत्तर कुंजी में संशोधन के कारण 44 फीसदी को 720 अंक मिले। एनसीईआरटी की पुरानी और नई पाठ्यपुस्तक में अंतर के कारण विषय विशेषज्ञ ने माना कि इस प्रश्न के लिए एक विकल्प के बजाय दो विकल्प सही माने जा सकते हैं। 44 अभ्यर्थी जिन्होंने गलत विकल्प चुना था और पहले 715 अंक प्राप्त किए थे, वे उत्तर कुंजी में संशोधन के कारण 720 अंक प्राप्त करने में सक्षम थे।