India News (इंडिया न्यूज),NEET-UG paper leak: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को नीट-यूजी पेपर लीक मामले में एम्स पटना के चार एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया। चार लोगों में से तीन की पहचान चंदन सिंह, राहुल अनंत और कुमार शानू के रूप में हुई। ये तीनों ही तीसरे वर्ष के एमबीबीएस छात्र है। चौथा आरोपी करण जैन इस प्रतिष्ठित संस्थान में प्रथम वर्ष का छात्र है।

किसी डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं किया गया-जीके पॉल

एम्स पटना के निदेशक जीके पॉल ने कहा,” किसी डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन उपलब्ध जानकारी के अनुसार सीबीआई की टीम चार छात्रों को ले गई है। इनमें से एक छात्र छात्रावास में नहीं था। वह बाद में उनके पास पहुंचा। इसलिए हमें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार कुल चार छात्र सीबीआई के पास हैं। उनके एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले ही नीट घोटाले में शामिल सभी छात्रों के नाम, उनकी तस्वीरें और मोबाइल नंबर साझा किए थे”।

हम हर तरह से CBI अधिकारीयों की मदद कर रहे हैं

एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक और सीईओ ने कहा, “हमने उन्हें हर तरह की मदद की और आगे भी हम सहयोग करना जारी रखेंगे। छात्र अभी तक वापस नहीं लौटे हैं। हम छात्रों की संलिप्तता के बारे में नहीं जानते हैं, वे कैसे इसमें शामिल हुए या वे दोषी हैं या नहीं। हिरासत में लिए छात्र चंदन सिंह सीवान (बिहार) के निवासी हैं, कुमार सानू पटना (बिहार) के निवासी हैं, राहुल आनंद वास्तव में धनबाद (झारखंड) के हैं, लेकिन अब पटना में रहते हैं और कारा जैन अररिया (बिहार) के हैं। कल सीबीआई ने हमें उनके कमरे सील करने को कहा। सीबीआई ने तीन कमरे सील किए हैं और हमने एक कमरा सील किया है।”

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सीबीआई बिहार में नीट पेपर लीक की जांच कर रही

सीबीआई द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जमशेदपुर के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार को गिरफ्तार किए जाने के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया है। कुमार पर आरोप है कि उसने हजारीबाग में एनटीए ट्रंक से नीट-यूजी का पेपर चुराया था।

सीबीआई बिहार में नीट पेपर लीक की जांच कर रही है। उन्होंने परीक्षा के संचालन में कथित गड़बड़ियों के लिए उम्मीदवारों सहित दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है। नीट विवाद पर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से यह साबित करने को कहा कि बिहार में पेपर लीक सुनियोजित था और पूरी परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया था। केंद्र और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने अदालत के कहा कि दोबारा परीक्षा कराने से लाखों मेहनती छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।

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