India News (इंडिया न्यूज), Nepal New Currency: नेपाल के द्वारा विवादित नक्शा छापने को लेकर नेपाल और भारत के बीच बयानबाजी शुरू हो गई। नेपाल सरकार ने 100 रुपये के नए नोट पर कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल के क्षेत्र के रूप में दिखाने का फैसला किया था। जबकि भारत इन क्षेत्रों पर अधिकार का दावा करता है। माना जा रहा है कि नेपाल ने ये सब चीन के इशारे पर किया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सीमा विवाद को लेकर नेपाल के साथ हमारी बातचीत चल रही है, लेकिन इन सबके बीच नेपाल ने एकतरफा कदम उठाया है। वहीं नेपाल के विदेश मंत्री नारायण काजी ने कहा कि नेपाल राजनयिक माध्यमों से सीमा विवाद सुलझाने के पक्ष में है और भारत के साथ बैठकर बातचीत करना चाहता है।

नक्शा छापने का किसने लाया प्रस्ताव?

बता दें कि अब तक ये रहस्य बना हुआ है कि नए नोटों पर नक्शा छापने का प्रस्ताव कौन लेकर आया। साथ ही इस पर पर्याप्त चर्चा नहीं की गई। नेपाली विदेश और वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि नए नोटों पर नक्शा छापने के फैसले से पहले कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया। बस यही बात भारत को परेशान कर रही है कि ये फैसला बिना चर्चा के लिया गया। वहीं, नेपाली विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल को कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा पर संप्रभु अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अधिकारों और क्षेत्रीय अखंडता का लाभ उठाना चाहिए। यह तो सभी जानते हैं कि कालापानी इलाके को लेकर भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद है।

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भारत ने नए नक्शे को कर दिया खारिज

बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि सीमा विवाद को लेकर नेपाल के साथ हमारी बातचीत जारी है। इन सबके बीच नेपाल ने कुछ कदम उठाए हैं। नेपाल ने यह विवादित नक्शा साल 2020 में जारी किया था जब ओली प्रधानमंत्री थे। इसमें भारतीय इलाकों को अपना बताया गया था, जिसे भारत ने उसी वक्त खारिज कर दिया था। तब भारत ने कहा था कि यह एकतरफा कदम ऐतिहासिक तथ्यों या सबूतों पर आधारित नहीं है और भारत को यह मंजूर नहीं है। वहीं, नेपाल के सूत्रों ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि कैबिनेट में विवादित नक्शे के साथ 100 रुपये के नए नोट जारी करने का विचार कौन लाया है।

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