इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (New Guidelines For Work From Home): केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने देश की विभिन्न कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम के लिए नए नियमों को लेकर दिशा निर्देश दिए हैं। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक WFH को एक विशेष आर्थिक क्षेत्र इकाई में अधिकतम एक वर्ष की अवधि के लिए अनुमति दी गई है। इसके अलावा इसे कुल कर्मचारियों की संख्या की 50 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है।

बताया गया है कि देश के उद्योगों ने स्पेशल इकोनॉमिक जोन के लिए वर्क फ्रॉम होम की एक समान नीति जारी जारी करने के लिए कहा था। अत: मंत्रालय की ओर से जारी नए नियम के तहत सेज इकाइयों में काम करने वाले कुछ श्रेणी के कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी जा सकती है। नए दिशा-निदेर्शों के अनुसार इन कर्मचारियों में अनुबंध के आधार पर काम करने वाले कर्मी भी शामिल होंगे।

वर्क फ्रॉम होम के लिए जारी नए नियमों के अंतर्गत आईटी/आईटीईएस एसईजेड इकाइयों के कर्मचारी आएंगे। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार जो कर्मचारी अस्थायी रूप से अक्षम हैं, जो यात्रा कर रहे हैं और जो आॅफसाइट कार्यरत हैं, इनमें शामिल हैं।

वाणिज्य मंत्रालय ने विशेष आर्थिक क्षेत्र नियम, 2006 में वर्क फ्राम होम के लिए एक नया नियम 43अ अधिसूचित किया है। मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, कर्मचारियों के कई अनुरोधों के बाद विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। औद्योगिक क्षेत्र से की गई मांग के आधार पर यह अधिसूचना जारी की गई है।

कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम का कल्चर

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान जब विश्वभर में लॉक डाउन लगे थे तो काफी सारी कंपनियों का काम घर से करने के लिए विवश होना पड़ा था। हालांकि घर से कामकाज करने पर कई तरह के फायदे और नुकसान दोनों हुए हैं। अत: वर्क फ्राम होम को लेकर लोगों के विचार अलग-अलग हैं। कुछ लोग इसे फायदेमंद बताते हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि इसके कई सारे नुकसान हैं।

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