इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (NGT To Odisha Govt)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ओडिशा सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘बाली जात्रा’ पर रोक लगा दी है। इसके लिए कटक जिला प्रशासन ने महानदी नदी तट की 426 एकड़ भूमि पर पुन: दावा किया था।
इस मामले में पर्यावरणविदों ने शनिवार को बताया कि बाली जात्रा तटबंध या बर्फी परियोजना के तहत जिला प्रशासन ने कटक में जोबरा बैराज के पास बालू और कचरा फेंक कर उस पर कब्जा कर लिया था। जिसके कारण बैराज की पानी वहन करने की क्षमता कम हो गई और आसपास के करीब 38 गांवों के जलमग्न होने का खतरा पैदा हो गया हैं।
कब्जे में ली गई जमीन पर निर्माण कार्य कराना है कठिन
इस मामले पर सुनवाई करते हुए एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय विशेष पीठ ने कहा कि पुन: कब्जे में ली गई जमीन पर निर्माण कार्य कराने की राज्य सरकार की योजना को स्वीकार करना कठिन है। वकील प्रदीप पटनायक की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी के पूर्वी जोन ने कहा कि बाढ़ का खतरा स्पष्ट रूप से दिख रहा है। हम एनजीटी अधिनियम की धारा-20 के तहत एहतियाती सिद्धांत का पालन करेंगे।
‘बाली जात्रा’ एशिया के सबसे बड़े खुले मेलों में है से एक
अधिकरण ने 34 एकड़ की मूल बाली जात्रा भूमि पर प्रशासन का कब्जा बरकरार रहने दिया। हालांकि, यह भी बाढ़ प्रभावित मैदानी इलाके में आता है। एनजीटी ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि लंबे समय से वहां ऐतिहासिक वार्षिक मेला लगता है। ‘बाली जात्रा’ एशिया के सबसे बड़े खुले मेलों में से एक है। यह मेला अपने प्रसिद्धी के साथ ही साथ लोगों में काफी लोकप्रिय है। यहां हर वर्ष भारी संख्या लोग आकर मेला का आनंद उठाते है।
ये भी पढ़े : संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कश्मीर मसले पर तुर्की के बाद पाकिस्तान को भी दिया करारा जवाब
ये भी पढ़े : देश के कई राज्यों में जारी रहेगी बारिश, अलर्ट के चलते कई जगह स्कूल बंद
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube