India News (इंडिया न्यूज),Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की रही है। अब राज्यों को साथ आकर दर तय करनी है। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहले ही पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करके प्रावधान कर दिया है। अब राज्यों को बस साथ आकर इस पर चर्चा करनी है और कर की दर तय करनी है।

JST के दायरे में आने से क्या पेट्रोल सस्ता हो जाएगा?

1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू करते समय इसमें बड़ी संख्या में केंद्रीय और राज्य करों को शामिल किया गया था। कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमानन ईंधन को जीएसटी कानून में शामिल किया गया था, लेकिन यह तय किया गया था कि इन पर बाद में जीएसटी के तहत कर लगाया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि केंद्र सरकार इन पर उत्पाद शुल्क लगाती रही, जबकि राज्य सरकारें वैट वसूलती रहीं।

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पेट्रोल और डीजल को JST के दायरे में लाने की तैयारी

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार की मंशा यह थी कि आखिरकार किसी समय (बाद में) पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि जब काउंसिल में राज्यों की सहमति बन जाएगी और टैक्स की दर तय हो जाएगी, तो उसे जीएसटी कानून में शामिल कर लिया जाएगा। तेल उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने से न केवल कंपनियों को इनपुट पर चुकाए जाने वाले टैक्स में कमी लाने में मदद मिलेगी, बल्कि देश में ईंधन पर टैक्स में एकरूपता भी आएगी।

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