India News, (इंडिया न्यूज), Noida News: नोएडा में एक भयावह हादसा हुआ है। खबर है कि 9 लोगों से भरी एक लिफ्ट 8 वें फ्लोर से  अचानक टूट कर गिर गई। लिफ्ट गिरने के बाद ग्राउंड फ्लोर पर पहुंच गई। इस हादसे में सभी 9 लोग घायल बताए जा रहे हैं। बता दें कि यह घटना शुक्रवार शाम सेक्टर 125 में घटी। सभी आईटी कंपनी में काम करने वाले थे।

पुलिस के मुताबिक शुक्रवार रात एक निजी अस्पताल के आईसीयू में कम से कम पांच लोगों का फ्रैक्चर और अन्य चोटों का इलाज चल रहा था। अन्य की हालत स्थिर है।

घायलों की पहचान

नौ घायलों में ;

  1. पीयूष (22),
  2. अभिषेक कुमार (23),
  3. अभिषेक गुप्ता (24),
  4. सौरभ कटिया (28),
  5. रजत शर्मा (29),
  6. सौरभ भारद्वाज (22),
  7. यशु शर्मा (23),
  8. सागर ( 25)
  9. अभिजीत सिंह (23)

‘घर से पहले पहुंचे अस्पताल’

नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली के निवासी, उन्होंने एक वेब डेवलपमेंट कंपनी एरास्मिथ टेक्नोलॉजीज के साथ काम किया, जिसका कार्यालय रिवर-साइड टॉवर की आठवीं मंजिल पर है। लिफ्ट गिरने की घटना शाम करीब 5.45 बजे हुई, जब आठों लोग घर जा रहे थे। घायलों में से एक ने खबर एजेंसी को बताया कि वही लिफ्ट कुछ दिन पहले खराब हो गई थी और चौथी मंजिल पर फंस गई थी। “किसी को बाईं आंख के पास चोट लगी है। जैसे ही वो लोग लिफ्ट में चढ़े, लिफ्ट तेजी से गिरी और बेसमेंट में जोरदार आवाज के साथ गिरी। टक्कर के कारण लिफ्ट की दीवारों से टकराई और उन्हें चोटें आईं। कई लोगों को कुछ अंगों में फ्रैक्चर था। घायलों ने कहा कि यह और भी बुरा हो सकता था।”

खबर मिलते ही पहुंची पुलिस

पुलिस के अनुसार उन्हें इमारत गिरने के कुछ ही मिनटों के भीतर एक फोन आया। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और नौ घायल लोगों को लिफ्ट से बाहर निकाला गया और एक निजी अस्पताल भेजा गया। इमारत में कई कंपनियों के कार्यालय हैं।”

दो लोग हिरासत में

खबरे हैं कि लिफ्टों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार फर्म से जुड़े दो अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है। शुक्रवार की रात पुलिस लापरवाही की एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में थी। टिप्पणी के लिए रखरखाव फर्म के अधिकारियों से संपर्क नहीं किया जा सका।

‘लिफ्ट से जुड़ा कानून’

लिफ्ट की खराबी बढ़ने के साथ, यूपी सरकार उपयोगकर्ताओं के लिए लिफ्ट को सुरक्षित बनाने के लिए एक कानून पारित करने की योजना बना रही है। कानून में हर साल लिफ्ट का अनिवार्य रखरखाव, उनका पंजीकरण और लापरवाही के मामलों में संबंधित एजेंसियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शामिल होगी।

इस अधिनियम का मसौदा कई वर्षों से सरकार के पास लंबित है। हालांकि नोएडा प्राधिकरण द्वारा 2015 और 2018 में प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे, लेकिन अधिनियम अभी तक लागू नहीं किया गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने भी 2018 में इसी तरह की दलील देते हुए सरकार को एक फाइल सौंपी थी।

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