India News (इंडिया न्यूज),West Bengal Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हुई भारी हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई।वहीं हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हो गए। जबकि कई लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी। हिंसा को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। साथ ही हिंसा वाले इलाके में कड़ी चौकसी बरती जा रही है। इस बीच मुर्शिदाबाद दंगा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। भारतीय जांच एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो इस हिंसा की साजिश काफी समय से रची जा रही थी। पिछले 3 महीने से इलाके के लोग इस घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। इसके लिए विदेशों से फंडिंग की गई थी।
पूरे मामले की जांच के दौरान एजेंसी को पता चला कि आतंकवाद फैलाने का यह नया तरीका है, दो महीने पहले एटीबी के दो नामी सदस्य मुर्शिदाबाद आए और कहा कि बड़ी दावत होगी. वे ट्रिगर प्वाइंट का इंतजार कर रहे थे। शुरुआत में रामनवमी की तारीख तय की गई थी, लेकिन सुरक्षा के चलते चीजें बदल गईं, लेकिन वक्फ बिल ने ट्रिगर प्वाइंट दे दिया।
Murshidabad Violence
उनका पहला लक्ष्य ट्रेनों को बाधित करना, सरकारी संपत्ति को नष्ट करना, हिंदुओं की हत्या करना, घरों को लूटना था। हमलावरों से कहा गया था कि वे जितनी चीजों को नुकसान पहुंचाएंगे, उन्हें उतना ही पैसा दिया जाएगा। शुरुआत में एक सूची बनाई गई थी कि अगर वे अपने कार्यों का विवरण देते हैं तो उन्हें कितना पैसा दिया जाएगा।
मुर्शिदाबाद हिंसा की योजना और खर्च तुर्की द्वारा किया जा रहा था, यहीं से हिंसा के लिए पूरी फंडिंग की जा रही है। जांच एजेंसियों की मानें तो इस योजना में शामिल हर हमलावर और पत्थरबाज को लूटपाट के लिए 500 रुपये दिए गए थे। वे पिछले 3 महीने से लगातार ट्रेनिंग कर रहे थे। साजिशकर्ताओं ने बंगाल को भी बांग्लादेश बनाने की योजना बनाई थी, जैसे बांग्लादेश हिंसा में दंगे देखने को मिले थे। उसी तरह यहां भी योजना थी।
मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि मैं सभी से कहूंगी कि अनुमति लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार सभी को है, लेकिन कानून को अपने हाथ में न लें। कोई भी हो। कानून तोड़ने वालों की कोई जरूरत नहीं है। जो ठंडे दिमाग से काम लेता है, वही जीतता है।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ एक्ट के विरोध में 10 अप्रैल से हिंसा जारी है। मुर्शिदाबाद में पहले से ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के करीब 300 जवान तैनात हैं और केंद्र ने व्यवस्था बहाल करने में मदद के लिए केंद्रीय बलों की पांच अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं।बता दें कि केंद्र सरकार के वक्फ (संशोधन) एक्ट को लेकर भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी, सड़कें जाम कर दीं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। बंगाल में चुनाव होने में अभी एक साल से ज्यादा का समय बाकी है। ऐसे में इन दंगों की खबरों से लोग काफी चिंतित हैं।