India News (इंडिया न्यूज),Rahul Gandhi:कांग्रेस ने अपने नेता राहुल गांधी को वायनाड और रायबरेली से जिताने के लिए जितना पैसा खर्च किया, उससे ज्यादा पैसा मंडी सीट से कंगना रनौत को हराने के लिए खर्च किया है। चुनाव आयोग के समक्ष पेश की गई जानकारी के अनुसार वायनाड और रायबरेली में राहुल गांधी के प्रचार पर 70-70 लाख रुपये खर्च किए गए। जबकि मंडी में कंगना रनौत को हराने के लिए अपने उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह के प्रचार पर 87 लाख रुपये खर्च किए। लेकिन कांग्रेस की यह सारी मेहनत बेकार गई और कंगना रनौत मंडी से भारी अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहीं।
जबकि सपा ने डिंपल के प्रचार पर अखिलेश से ज्यादा खर्च किया है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से जीत हासिल की और रायबरेली सीट बरकरार रखी। उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा अब वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी। वहीं, हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह मंडी लोकसभा सीट से भाजपा की रनौत से करीब 75 हजार वोटों से हार गए। कांग्रेस ने अमेठी लोकसभा सीट से किशोरी लाल के चुनाव प्रचार पर भी 70 लाख रुपये खर्च किए।
समाजवादी पार्टी ने ज्यादा डिंपल पर किया खर्च
चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक, समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी में डिंपल यादव के चुनाव पर सबसे ज्यादा 72.15 लाख रुपये खर्च किए। जबकि कन्नौज से पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के चुनाव पर 60 लाख रुपये खर्च किए गए। यह सारी जानकारी इन पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष पेश किए गए लोकसभा चुनाव पर खर्च के ब्योरे में सामने आई है। यह भी सामने आया कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने हैदराबाद से उनके चुनाव पर 52 लाख रुपये खर्च किए।
TMC ने किए 36 करोड़ रुपये खर्च
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को बताया कि उसने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में अपने 48 उम्मीदवारों में से प्रत्येक पर 75 लाख रुपये खर्च किए हैं। उसने लोकसभा चुनाव में कुल 36 करोड़ रुपये खर्च किए। अकाली दल ने कहा कि उसने बठिंडा से हरसिमरत बादल के चुनाव पर 60 लाख रुपये खर्च किए। सभी पार्टियों को चुनाव आयोग के समक्ष अपने खर्च की घोषणा करनी होती है। इसमें विभिन्न सीटों पर उम्मीदवारों के प्रचार पर पार्टी द्वारा खर्च की गई राशि भी शामिल होती है।