इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
शनिवार सुबह करोड़ों साहित्य प्रेमियों के लिए दुख समाचार लेकर आई। उन्हें अपनी प्रिय लेखिका और मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता  कमला भसीन के निधन का समाचार मिला। कमला भसीन 75 साल की थी और उनका शनिवार अलसुबह निधन हो गया। बताया जा रहा है कि भसीन ने तड़के करीब तीन बजे अंतिम सांस ली। कमला भसीन के निधन से उनके चाहने वालों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई।

महिला आंदोलन में प्रमुख आवाज बनीं

साहित्य लेखन व सामाजिक कार्यों के साथ-साथ कमला भसीन का नाम महिलाओं के हक में आवाज उठाने में भी सबसे आगे आता है। भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिला आंदोलन में भसीन एक प्रमुख आवाज रही हैं। सामाजिक सगंठनों ने कहा है कि कमला भसीन के निधन से महिलावादी आंदोलन समेत सभी जन आंदोलनों की अपूरणीय क्षति हुई है।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर जताया दुख

सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने ट्विटर पर जानकारी शेयर करते हुए लिखा कि भसीन ने तड़के करीब तीन बजे अंतिम सांस ली। यह भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिला आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका है। उन्होंने जीवन को विपरीत परिस्थितियों में मनाया। अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने भी कमला भसीन के निधन पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया।

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