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रेलवे के गंदे कंबलों पर बवाल खत्म, अब महीने में इतने बार धुले जाएंगे, जानें क्या है इन कंबलों की सफाई का खर्चा?

India News (इंडिया न्यूज), Indian Railways Blankets Washing : रेल मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्‍णव का हाल के समय में संसद में दिए गए बयान के बाद रेलवे की जमकर फजीहत हो रही थी। असल में रेल मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि, ट्रेन में यूज होने वाले कंबल को एक महीने में एक बार धोया जाता है। उनका ये बयान सोशल मीड‍िया पर आग की तरह फैल गया। लोगों ने रेलवे से धुलाई का समय घटाने की मांग की। इसके अलावा सफाई को लेकर रेलवे को जमकर ट्रोल किया। अब इसी कड़ी में रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है।

यात्र‍ियों को राहत देते हुए ये फैसला लिया गया है कि ट्रेनों में यूज होने वाले कंबलों को अब महीने में एक बार की बजाय हर 15 दिन में धोया जाएगा। यानी अब कंबल महीने में दो बार धोये जाएंगे। इस फैसले के बाद से यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

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नए फैसले को लेकर काम शुरू

यात्री ट्रेन के अंदर यूज होने वाले गंदे कंबल को लेकर अक्सर शिकायत करते थे। इश शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। फैसले को बाद ट्रेन के एसी कोच में यूज होने वाली चादर और पिलो कवर की सफाई पर खास ध्यान दिया जाएगा। रेलवे की तरफ से इस पर काम शुरू हो गया है। रेलवे ने इस फैसले को लागू करने के लिए गुवाहाटी के रेलवे लॉन्ड्री में काम शुरू कर दिया है। इस फैसले के लागू होने के बाद यात्रियों को सफाई से जुड़े मामले में बेहतर अनुभव मिलने की उम्मीद की जा रही है।

केवल 45 म‍िनट में धुल जाती है

ट्रेन में यूज होने वाले कंबल की सफाई का प्रोसेस काफी आसान होता है। एक कंबल को साफ करने में मात्र 45 मिनट का समय लगता है। इसको 4 हिस्सों में धुला जाता है। कंबल को 80 से 90 डिग्री तापमान पर धोया जाता है। इसके बाद उसे ड्रायर में सुखाया जाता है। कभी-कभी धुलाई और ड्राइंग की प्रक्रिया में थोड़ा ज्‍यादा समय लग सकता है, लेकिन कंबल की धुलाई 50 से 55 मिनट में पूरी हो जाती है।

इसके अलावा चादर की सफाई हर द‍िन की जाती है। चादर की सफाई में 45 से 60 मिनट तक का समय लगता है। चादर को पहले मशीन में डाला जाता है, फिर उसे वॉश, ड्राई और स्टीम आयरन के जरिये पूरी तरह से साफ किया जाता है। रेलवे के मुताबिक चादर एक साल, तकिये और तौलिये करीब 9 महीने, पर्दे एक साल और कंबल दो साल तक चलते हैं।

धुलाई में आता है कितना खर्च

रेलवे के मुताबिक एक कंबल (973 ग्राम वजन) की धुलाई में करीब 23.59 रुपये का खर्च आता है, जिसमें जीएसटी भी शामिल होता है। रेलवे वजन के हिसाब से हाई-स्पीड लॉन्ड्री मशीन में चादरें धोता है. इसके मुताबिक एक बेड रोल को पूरी तरह से साफ करने में भी करीब 23.58 रुपये का खर्च आता है।

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Shubham Srivastava

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