India News(इंडिया न्यूज), Government Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट बैठक कल नासिक में हुई, जिसमें राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत घोड़ों, गधों, खच्चरों के पालन-पोषण और पोषण के लिए सरकारी छूट और रियायतों की घोषणा करने का निर्णय लिया गया। गणित की बैठक में इस मिशन के कुछ नए गुणों को शामिल करने का निर्णय लिया गया। इसमें पशु चारा बीज उद्यान बुनियादी ढांचे का विकास, चारा खेती क्षेत्र का विस्तार और पशु बीमा कार्यक्रम को उड़ान बनाने का निर्णय शामिल है।

निजी कंपनियों को मिलेगी 50 फिसदी की हिस्सेदारी

जनसंपर्क मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, पशुधन मिशन के तहत अब किसान उत्पादक किसानों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), संयुक्त उद्योगपति समूह (जेएलजी) और धारा 8 कंपनियों को 50 रुपये दिए जाएंगे। 50 लाख रुपये तक प्रतिशत या शेयर सहायता दी गई। राज्य सरकारों की सहायता के लिए केंद्रीय राज्य भागीदारी को घोड़ों के अस्तबल और ऊंट प्रदान करने के लिए एक सरकारी मठ फार्म की स्थापना की गई थी। चारा बीज के लिए कंपनी की बोली को सुविधाजनक बनाने के लिए निजी कंपनियों को भी 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी दी जाएगी। केंद्र सरकार को राज्य को गैर-वन क्षेत्र, बंजर भूमि, असिंचित क्षेत्र के साथ-साथ वन क्षेत्र में चारे की खुराक की अनुमति देने में मदद करनी चाहिए।

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FMBAP को 2025-26 तक बढ़ाने का फैसला

मूल्यांकन के फैसले के मुताबिक, अब किसानों को पशु बीमा कार्यक्रम में सिर्फ 15 फीसदी प्रीमियम मिलेगा। फिलहाल यह हिस्सेदारी 20 फीसदी, 30 फीसदी, 40 फीसदी और 50 फीसदी है। शेष प्रीमियम 60 और 40 प्रतिशत के अनुमान पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कवर किया जाएगा। इस संख्या तक समुद्र तट का बीमा किया जाएगा। इनमें भेड़-बकरियां भी शामिल होंगी। सरकार का कहना है कि इससे किसानों को अपनी बहुमूल्य संपत्ति का बीमा कराने की सुविधा मिलेगी। राष्ट्रीय पशुधन मिशन 2014-15 लॉन्च किया गया।

कैबिनेट की आज की बैठक में बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) को 2025-26 तक बढ़ाने का फैसला किया गया। इस पर 2021-22 से 2025-26 तक कुल 4100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

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