सेंट्रल साइंस एंड टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तर भारत का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट हरियाणा के गोरखपुर में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दौरान, प्रमुख उपलब्धियों में से एक देश के अन्य हिस्सों में और न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाया जाएगा।
अब तक कुल आवंटित 20,594 करोड़ रुपये में से 4,906 करोड़ रुपये इस न्यूक्लियर पावर प्लांट खर्च किए जा चुके है। परियोजना के निर्माण का काम अच्छी तरह से चल रहा है। परियोजना को लगातार ठंडे पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए टोहाना से जीएचएवीपी तक हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग (एचआई और डब्लयूआरडी) पानी की सप्लाई का प्रबंध करने की व्यवस्था को बनाने का काम कर रहा है।
700 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट
परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि न्यूक्लियर पावर प्लांट गोरखपुर में 700 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट हैं जिनमें से हर में प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर स्वदेशी डिजाइन है। हरियाणा में फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास कार्य को लागू किया गया है।
उन्होनें ये भी कहा कि भारत की परमाणु क्षमता को बढ़ाने के लिए पिछले 8 साल में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। मोदी सरकार ने 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना को मंजूरी दी है। सरकार ने परमाणु ऊर्जा विभाग को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को निजी निवेश के लिए खोलने और संसाधनों के लिए सार्वजनिक उपक्रमों के साथ साझेदारी में ज्वाइंट वेंचर बनाने की भी मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि एटॉमिक एनर्जी में आने वाले वक्त में भारत की हर एनर्जी जरूरत को पूरा करने की क्षमता है।