India News (इंडिया न्यूज), Lok Sabha Speaker OM Birla : 18वीं लोकसभा के स्पीकर पद के लिए ओम बिरला चुन लिए गए हैं। वो दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने हैं और उनका चुनाव ध्वनि मतों के जरिए किया गया है। जीत के बाद पीएम मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ओम बिरला को दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने पर बधाई दी और उन्हें कुर्सी तक ले गए। ओम बिरला 17वीं लोकसभा में भी स्पीकर का पद संभाल चुके हैं। आगे जानें ओम बिरला के राजनीतिक सफर से लेकर 17वीं लोकसभा में उनकी उपलब्धियों तक की सारी डिटेल्स।

कहां से शुरु हुआ सफर?

राजस्थान के कोटा शहर में ओम बिरला का जन्म 23 नवंबर 1962 को हुआ था। उन्होंने 1986 में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से एमकॉम किया है। एमकॉम की डिग्री हासिल करने के बाद ओम बिरला मे भारतीय जनता पार्टी से जुड़ कर राजनीति करियर की शुरुआत की। ओम बिड़ला 3 बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने 1991 में डॉक्टर अमिता बिरला से शादी की थी और उनकी दो बेटियां भी हैं।

कैसे रचा इतिहास?
ओम बिरला ने लोकसभा स्पीकर का चुनाव जीत कर इतिहास रच दिया है क्योंकि देश में अब तक कोई भी सांसद लगातार दो कार्यकाल में स्पीकर नहीं रहा है। ओम, बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और राजस्थान की कोटा, बूंदी सीट से तीसरी बार के सांसद भी हैं।
नहीं देखा हार का मुंह
उन्होंने 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत भी गए थे। फिर 2008 और 2013 में वो कोटा दक्षिण सीट से जीत कर वो लगातार तीन बार विधायक चुने गए। ओम बिरला ने लोकसभा चुनाव पहली बार साल 2014 में लड़ा और यहा भी विजयी हुए। 2019 और 2024 में भी वो जीत कर निकले। साल 2019 में बीजेपी ने स्पीकर बना दिया था।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला नए और पुराने दोनों संसद भवनों में काम करने का अनुभव रखते हैं।

17वीं लोकसभा में उनके कार्यकाल के दौरान येअहम घटनाएं हुईं हैं-

  • 17वीं लोकसभा की उत्पादकता 97% रही, जो पिछले 25 सालों में सबसे ज्यादा है।
  • ओम बिरला ऐसे इकलौते लोकसभा अध्यक्ष रहे, जिनके कार्यकाल में कोई भी लोकसभा उपाध्यक्ष नहीं चुना गया।
  • टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित किया गया. कई सांसदों को भी सस्पेंड किया गया।
  • ओम बिरला के ही कार्यकाल में अनुच्छेद 370 खत्म हुआ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हुआ और तीन आपराधिक कानून लागू हुए।