इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Omicron’s Impact on the Economy भारत में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बहुत तेज़ी से बढ़ रहे है जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रान के आने से कोरोना वायरस के केसों में बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है जिसके कारण एक बार फिर से कई तरह के प्रतिबंध लगने शुरू हो गए हैं। इनका असर आने वाली समय में अर्थव्यवस्था पर किस तरह रहेगा, इसको लेकर यूएन ने चिंता जाहिर की है।
दरअसल, यूनाइटेड नेशन ((United Nations) ने वीरवार को चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर (GDP) 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। जबकि एक साल पहले इस बार की ग्रोथ रेट का अनुमान 8.4 फीसदी जताया था। अपनी रिपोर्ट में आगाह करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत के आर्थिक सुधार की राह में Omicron वैरिएंट बड़ा रोड़ा बन सकता है और इसे बाधित कर सकता है। भारत में डेल्टा वैरिएंट के चलते अप्रैल और जून 2021 के बीच भी काफभ् तबाही मची थी। वहीं अब फिर से Omicron के कारण तबाही मच सकती है। (Omicron ka Desh Par Asar)
यूनाइटेड नेशन ने जो रिपोर्ट जारी की है, उसके मुताबिक भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2021-22 में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है जो वर्ष 2020-21 की तुलना में गिरावट को दर्शाता है। इतना ही नहीं, यह रिपोर्ट भारत की वृद्धि के आने वाले वित्त वर्ष 2022-23 में भी गिरकर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान जताती है।
हालांकि इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि हालांकि, तेजी से टीकाकरण की प्रगति, कम कड़े प्रतिबंधों और अभी भी सहायक राजकोषीय और मौद्रिक रुख के बीच, भारत में आर्थिक सुधार एक ठोस रास्ते पर अग्रसर है। लेकिन जिस तरह से ओमिक्रॉन कहर बरपा रहा है उसके चलते 2021 में 9 फीसदी के विस्तार के मुकाबले 2022 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 6.7 फीसदी का अनुमान है।
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