India News (इंडिया न्यूज़), ASI Survey On Gyanvapi, वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी कि ASI की टीम सर्वे कर रही है। मुस्लम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सर्वे जारी रहने के आदेश के बाद  सुप्रीम कोर्ट का रुख अपनाया था। जहां से भी उसे झटका लगा। जिसके बाद अब इस मामले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आज शनिवार, 5 अगस्त को ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी है।

“एक बार जब ASI रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी तो…”

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “एक बार जब ज्ञानवापी एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी, तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी? आशा है कि न तो 23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति होगी। पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। आशा यह है कि एक हजार बाबरियों के लिए फ्लडगेट्स नहीं खोले जायेंगे।”

ASI टीम ने पहले दिन किया सिर्फ 5 घंटे सर्वे

सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे से अलग रहे मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए ASI सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। ASI टीम आज शनिवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर में सर्वे करने पहुंची है। ASI की टीम ने बीते दिन शुक्रवार को जुमे की नमाज के कारण केवल 5 घंटे ही सर्वे किया था।

जल्द ही सर्वेक्षण से सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा- हिंदू पक्ष

हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने ज्ञानवापी के सर्वे के लिए ASI के पहुंचने के बाद कहा, “यह सर्वेक्षण का दूसरा दिन है। हम चाहते हैं कि लोग सर्वेक्षण में सहयोग करें और इसे जल्द से जल्द पूरा करें। हम पूर्ण सहयोग और भागीदारी दिखा रहे हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आए हैं। हम इसका स्वागत करते हैं। हम चाहते हैं कि मामला सुलझ जाए। जल्द ही सर्वेक्षण से सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।”

ASI ने हमें सर्वे का नोटिस तक नहीं दिया- मुस्लिम पक्ष

जानकारी दे दें कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी में मुस्लिम पक्ष से 9 लोग और हिंदू पक्ष से 7 लोग मौजूद हैं। मुस्लिम पक्ष के वकील ने ASI पर आरोप लगाते हुए कहा, “ASI ने हमें सर्वे का नोटिस तक नहीं दिया।”

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