India News (इंडिया न्यूज), Mohan Bhagwat Speech On Dussehra: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार (12 अक्टूबर, 2024) को कहा कि ‘धर्म’ भारत का सार है, न कि धर्म। नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में विजयादशमी समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि कई धर्म हैं, लेकिन उन्हें जोड़ने वाली अंतर्निहित आध्यात्मिकता ही ‘धर्म’ को परिभाषित करती है। भागवत ने ‘धर्म’ को सार्वभौमिक, शाश्वत (सनातन) और ब्रह्मांड के अस्तित्व का अभिन्न अंग बताया। उनके अनुसार हिंदू धर्म कोई नई खोज या निर्मित चीज नहीं है, बल्कि इसे पूरी मानवता से संबंधित माना जाता है, जो इसे दुनिया के लिए धर्म बनाता है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, बांग्लादेश में चर्चा चल रही है कि हमें भारत से खतरा है और इसलिए हमें पाकिस्तान का साथ देना होगा क्योंकि उनके पास एक परमाणु हथियार है, जो भारत को रोक सकता है। हम सभी जानते हैं कि कौन से देश ऐसी चर्चाओं और बयानबाजी को आगे बढ़ा रहे हैं। हमें उनका नाम लेने की ज़रूरत नहीं है। भागवत ने कहा, “उनकी इच्छा भारत में भी ऐसी ही परिस्थितियां पैदा करने की है।” उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में अत्याचारी कट्टरपंथी प्रकृति मौजूद है और हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर खतरा मंडरा रहा है।
कोलकाता रेप मर्डर केस के बारे में बात करते हुए कहा कि, कोलकाता मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या शर्मनाक है। “कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वह शर्मनाक है। लेकिन यह एक अकेली घटना नहीं है। हमें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “उस घटना के बाद भी जिस तरह से देरी की गई और अपराधियों को संरक्षण दिया गया, वह अपराध और राजनीति के बीच गठबंधन का नतीजा है।” जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर मोहन भागवत ने कहा कि, जम्मू और कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए, जिससे भारत की प्रतिष्ठा वैश्विक स्तर पर बढ़ी है।
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