देश

Online education : बेहतर विकल्प, पर दायरा सीमित, गांवों में पढ़ पा रहे सिर्फ 8 फीसदी बच्चे

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Online education: कोरोना काल में स्कूल बंद रहने के कारण आॅनलाइन शिक्षा बच्चों के लिए जहां एक ओर बेहतर विकल्प बना गई है वहीं इसका नुकसान भी बहुत है। ग्रामीण इलाकों में स्कूल बंद रहने का सबसे ज्यादा नुकसान है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। इसकी रिपोर्ट के अनुसार आज लोगों में धारणा बन गई है कि आॅनलाइन पढ़ाई एक बेहतर विकल्प है लेकिन असलियत में इस सिस्टम का दायरा बेहद सीमित है। रिपार्ट के अनुसार ग्रामीण इलाकों में केवल आठ प्रतिशत बच्चे आॅनलाइन पढ़ पा रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद होने का बच्चों पर बुरा असर पड़ा है। ग्रामीण इलाकों में 37 प्रतिशत बच्चों की पढ़ाई तो ठप ही हो गई है। जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रितिका खेड़ा के संचालन में यह सर्वेक्षण कराया गया है। इसमें 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक में पढ़ने वाले 1400 बच्चों और उनके अभिभावकों से बात की गई।
स्मार्टफोन ही नहीं तो पढ़ेंगे कैसे
आलम यह है कि कई राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में बच्चों के पास स्मार्टफोन ही नहीं हैं तो वे पढ़ाई कैसे करेंगे। गुजरात, राष्टÑीय राजधानी दिल्ली, असम, बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल इनमें शामिल हैं। सर्वे में शामिल किए गए परिवारों में से करीब 60 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। इसके अलावा लगभग 60 प्रतिशत परिवार दलित या आदिवासी समुदायों से संबंध रखते हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि इन इलाकों में भी जो परिवार अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे थे, उनमें से एक चौथाई से भी ज्यादा परिवारों ने अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में डाल दिया। ऐसा उन्हें या तो पैसों की दिक्कत की वजह से करना पड़ा या आॅनलाइन शिक्षा न करा पाने के कारण्। आॅनलाइन शिक्षा का दायरा इतना सीमित होने की मुख्य वजह कई परिवारों में स्मार्टफोन का न होना पाई गई। ग्रामीण इलाकों में तो पाया गया कि करीब 50 प्रतिशत परिवारों के पास स्मार्टफोन नहीं थे।
स्मार्टफोन है तो बच्चों को मिला नहीं
जहां स्मार्टफोन थे भी, उन ग्रामीण इलाकों में भी केवल 15 प्रतिशत बच्चे ही नियमित आॅनलाइन पढ़ाई कर पाए, क्योंकि उन फोनों का इस्तेमाल घर के बड़े करते हैं। शहरों में भी स्थिति अच्छी नहीं। काम पर जाते समय इन लोगों को फोन साथ में ले जाना पड़ता है और ऐसे में फोन बच्चों को नहीं मिल पाता है। शहरों में 31 प्रतिशत बच्चे नियमित आॅनलाइन पढ़ कर पा रहे हैं। इस स्थिति का असर बच्चों की लिखने और पढ़ने की क्षमता पर भी पड़ा है। . इन कारणों की वजह से ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में 90 प्रतिशत से ज्यादा गरीब और सुविधाहीन अभिभावक चाहते हैं कि अब स्कूलों को खोल दिया जाए। लेकिन कई राज्यों में इन वर्गों के परिवार अभी बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। भारत में अभी 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है।

Vir Singh

Recent Posts

Delhi Weather Report: दिल्ली में सुबह हुई बूंदाबांदी! कड़ाके की ठंड के लिए हो जाएं तैयार, IMD का अलर्ट जारी

India News (इंडिया न्यूज), Delhi Weather Report: दिल्ली में ठंड का असर बढ़ता जा रहा…

4 minutes ago

Upendra Kushwaha: “यात्रा से ही मिलती है सही जानकारी,” उपेंद्र कुशवाहा ने दी सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को अहमियत

India News (इंडिया न्यूज), Upendra Kushwaha: बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी…

7 minutes ago

Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री की ‘प्रगति यात्रा’ आज से शुरू, सीएम करेंगे योजनाओं का निरीक्षण और उद्घाटन

India News (इंडिया न्यूज), Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज से अपनी 15वीं प्रगति यात्रा…

19 minutes ago

मौसम का डबल अटैक! राजस्थान में बारिश से बढ़ेगी ठंड, IMD का अलर्ट जारी

  India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan Weather :  राजस्थान में कड़ाके की ठंड का असर जारी…

27 minutes ago

Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में शीतलहर और कोहरे से जनजीवन पर बढ़ा प्रभाव, उड़ानें भी हुई बाधित

India News (इंडिया न्यूज), Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में शीतलहर और घने कोहरे के…

39 minutes ago