India News (इंडिया न्यूज), Lance Naik Dinesh Kumar: हरियाणा के पलवल के लांस नायक दिनेश अपने बच्चे के जन्म से 2 महीने पहले ही शहीद हो गए थे। पेशे से वकील उनकी पत्नी सीमा 7 महीने की गर्भवती हैं। पति का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो वे एक ही बात कहती रहीं- ‘एक बार उनसे बात कर लूं, उन्होंने फोन करने को कहा था।’ पति के बारे में मीडिया से बात करते हुए उनकी आंखों से आंसू निकल आए। चलिए बताते हैं कि शहीद की पत्नी ने मीडिया से क्या बताया।
शहीद लांस नायक की पत्नी सीमा ने कहा- सोमवार रात करीब 9 बजे मेरी पति से बात हुई थी। उन्होंने कहा था- अभी मैं ड्यूटी पर हूं, 12 बजे फोन करूंगा। फिर फोन नहीं आया। मंगलवार को पूरा दिन फोन करती रही लेकिन बात नहीं हुई। इसके बाद दवा ली और लेट गई। शाम 4 बजे उनका फोन आया लेकिन मैं फोन नहीं उठा पाई। फिर बुधवार रात 9:30 बजे फोन आया कि दिनेश की गर्दन में चोट है। वे ऑपरेशन थियेटर में हैं। इसके बाद शहादत की खबर आई। अब जिंदगी भर अफसोस रहेगा कि उनसे बात नहीं कर पाई।
Lance Naik Dinesh Kumar
तीन साल बाद रिटायर होने वाले थे। शहीद लांस नायक की पत्नी सीमा ने कहा- पिछली बार जब वे छुट्टी पर गए थे तो कह रहे थे कि मैं तुम्हें कभी परेशान नहीं करूंगा और न ही दुख दूंगा। 3 साल बाद रिटायर हो जाऊंगा। उनका सपना था कि बेटी काव्या को डॉक्टर बनाऊं। इसके लिए उन्होंने सुकन्या योजना में पैसा भी लगाया था।
मां बोली- मेरी कोख से जन्मा बेटा देश के काम आया शहीद लांस नायक की मां मरी देवी बेटे का शव देखकर रो पड़ीं। रोते हुए उन्होंने जय जवान-जय किसान का नारा लगाया। उन्होंने कहा- मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। मुझे गर्व है कि मेरी कोख से जन्मा बेटा देश के काम आया।
पिता बोले- भारत मां की सेवा में 2 और बेटे शहीद लांस नायक के पिता दया चंद ने अपने बेटे को मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। इसके बाद उन्होंने कहा- मेरा एक बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। मेरे दो और बेटे भारत माता की रक्षा के लिए सेना में हैं।
1. मेरे भाई की शहादत ने मेरा हौसला और भी बढ़ा दिया है। सेना में अग्निवीर के पद पर तैनात शहीद दिनेश के छोटे भाई हरदत्त ने कहा- मुझे गर्व है कि मेरे बड़े भाई ने देश की सेवा की। मैं भी अपने भाई की प्रेरणा से ही सेना में भर्ती हुआ। चाहे कुछ भी हो जाए, मैं किसी भी कीमत पर देश का अहित नहीं होने दूंगा। चाहे कुछ भी हो जाए, मैं अपने भाई की तरह आखिरी सांस तक देश की सेवा करूंगा। मेरे भाई की शहादत ने मेरा हौसला और भी बढ़ा दिया है। जब वह छुट्टी पर आता था, तो हमें बहुत प्रेरित करता था। उसकी प्रेरणा से ही मैं और अन्य युवा सेना में भर्ती हुए।
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2. यह मौका बहुत कम लोगों को मिलता है। सेना में अग्निवीर के पद पर तैनात दूसरे भाई कपिल ने कहा- यह मौका बहुत कम लोगों को मिलता है। आज देश को मेरे भाई पर गर्व है। पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। मैं अपने भाई की प्रेरणा से सेना में भर्ती हुआ। मैं भी अपने भाई की तरह आखिरी सांस तक दुश्मन से लड़ूंगा। पांच भाइयों में सबसे बड़े दिनेश 11 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे।
कुछ समय पहले ही उनका प्रमोशन लांस नायक के पद पर हुआ था। इसके बाद उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुई। दिनेश अपने परिवार में पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके दो छोटे भाई कपिल और हरदत्त भी अग्निवीर योजना के तहत सेना में भर्ती हुए हैं। पुष्पेंद्र पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि विष्णु अपने पिता के साथ खेती-बाड़ी का काम संभालते हैं।