Hindi News / Indianews / Operation Sindoor This Muslim Country Sold A Drone To Pakistan Calling It Bahubali But It Was Completely Destroyed As Soon As It Reached India Being Compared To Chinese Goods

इस मुस्लिम देश ने पाकिस्तान को बाहुबली बताकर बेचा ड्रोन, उसका भारत आते ही निकला कचूमर, चाइनीज माल से हो रही तुलना!

सोंगर को भारतीय हमलों को रोकने और उनका जवाब देने के लिए पाकिस्तान की सीमा में लगाया गया था, लेकिन इसकी तकनीकी सीमाओं और कमजोर प्रदर्शन ने पाक सेना की नाकाम कोशिशों पर पानी फेर दिया।

BY: Ashish kumar Rai • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज)Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े सैन्य तनाव के बीच ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की रक्षा तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। खास तौर पर तुर्की का सोंगर ड्रोन, जिस पर पाकिस्तान को बहुत गर्व था, भारत के जवाबी हमले में पूरी तरह विफल साबित हुआ। सोंगर को भारतीय हमलों को रोकने और उनका जवाब देने के लिए पाकिस्तान की सीमा में लगाया गया था, लेकिन इसकी तकनीकी सीमाओं और कमजोर प्रदर्शन ने पाक सेना की नाकाम कोशिशों पर पानी फेर दिया।

तुर्की की कंपनी ASISGUARD द्वारा बनाए गए इस सोंगर ड्रोन को पाकिस्तानी सेना ने बड़ी उम्मीदों के साथ खरीदा था। इसमें 5.56 एमएम असॉल्ट राइफल, ग्रेनेड लॉन्चर, मोर्टार और स्मोक ग्रेनेड जैसे हथियार फिट किए जा सकते हैं। साथ ही इसमें ऑटोनॉमस फ्लाइट मोड, रूट प्लानिंग, 5 किलोमीटर की फ्लाइट रेंज और लाइव वीडियो ट्रांसमिशन जैसे फीचर्स दिए गए हैं। लेकिन ये ड्रोन भारत के सामने पूरी तरह फिसड्डी साबित हुए।

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इस बार भी ये विफल रहे

ऑपरेशन सिंदूर के दरम्यान भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर एकदम सटीक हमले किए। इन हमलों में सोंगर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन यह ड्रोन समय रहते भारतीय सेना की हरकतों का पता नहीं लगा सका। न तो यह हमले को रोक सका और न ही कोई जवाबी कार्रवाई कर सका। यहां तक ​​कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में बिलाल मस्जिद पर हुए हमले को भी ड्रोन की मौजूदगी के बावजूद नहीं रोका जा सका, जिसके कारण पाकिस्तान की फील्ड इंटेलिजेंस पर सवाल उठ रहे हैं।

कितना अक्षम है यह ड्रोन?

इस ड्रोन की तकनीकी सीमाएं जैसे कि केवल 30 मिनट की उड़ान क्षमता, 400 मीटर की शूटिंग रेंज और सीमित बैटरी बैकअप ने इसे सीमावर्ती क्षेत्रों में अप्रभावी बना दिया। इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर जैसे रियल-टाइम मिशन में भी इसकी ऑपरेशनल स्पीड और सटीकता अप्रभावी रही। भारतीय मिसाइल हमलों और इजरायली हारोप ड्रोन के सामने सोंगर कहीं नहीं टिक पाया।

अब ड्रोन डील पर भी सवाल उठ रहे हैं

इस विफलता के बाद पाकिस्तान के अंदर भी इस ड्रोन सौदे को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि तुर्की ने पाकिस्तान को अपने युद्ध कौशल और असममित युद्ध में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन के फायदे तो दिखा दिए, लेकिन भारत जैसी मजबूत सेना के सामने इन ड्रोन की कोई रणनीतिक उपयोगिता नहीं है। पाकिस्तान द्वारा सोंगर की तैनाती न केवल असफल रही, बल्कि इससे उसकी सैन्य छवि को भी गहरा धक्का लगा है।

कुल मिलाकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सैन्य रणनीति और तकनीकी श्रेष्ठता ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि प्रचार और वास्तविकता में बहुत अंतर है। तुर्की का “बाहुबली” ड्रोन, जिसे पाकिस्तान अपनी जीत का हथियार मानता था, भारत के सामने आते ही बेबस साबित हुआ। इससे न केवल पाकिस्तान की युद्ध नीति पर सवाल उठने लगे हैं, बल्कि तुर्की के हथियारों के निर्यात की विश्वसनीयता पर भी अंतरराष्ट्रीय संदेह गहराने लगा है।\

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Operation Sindoor
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