India News,(इंडिया न्यूज)OPS: राज्यों का पुरानी पेंशन योजना पर वापस लौटना पीछे की ओर कदम रखने जैसा साबित हो सकता है। यह मध्यम से लंबी अवधि के लिए राज्यों की वित्तीय स्थिति को अस्थिर कर सकता है। आरबीआई के एक शोध पत्र में सोमवार को कहा गया कि पुरानी पेंशन योजना के मामले में राजकोषीय बोझ नई पेंशन योजना से 4.5 गुना तक अधिक हो सकता है। हालांकि, आरबीआई ने कहा है कि यह अर्थशास्त्र के जानकारों का मत है। यह उसका स्वंम का विचार नहीं है।
हाल ही में देखा गया है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का फैसला किया है। लेख में कहा गया है कि ओपीएस में लाभ परिभाषित हैं, जबकि एनपीएस में योगदान परिभाषित है। ओपीएस में थोड़े समय के लिए आकर्षण तो है लेकिन वही मध्यम से लंबे समय में यह राज्यों के लिए एक चुनौती बनकर सामने आ सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें, राज्य 2040 तक ओपीएस पर वापस लौटने से वार्षिक पेंशन खर्च में सकल घरेलू उत्पाद का केवल 0.1 प्रतिशत बचाएंगे। लेकिन 2040 के बाद वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 0.5 प्रतिशत तक पेंशन खर्च में अतिरिक्त वृद्धि करनी होगी। लेख में दावा किया गया है कि राज्यों का पुरानी पेंशन योजना पर वापस लौटने से लंबी अवधि में उनके राजकोषीय तनाव स्थिर से अस्थिर स्तर तक बढ़ा सकता है। ओपीएस में वापस जाने वाले राज्यों के लिए अभी ये लाभ है कि उन्हें वर्तमान कर्मचारियों के एनपीएस योगदान पर खर्च नहीं करना पड़ेगा, लेकिन भविष्य में बिना वित्तपोषित पुरानी पेंशन योजना से उनकी वित्तीय स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है।
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