India News (इंडिया न्यूज),Pakistan:भारत में दिवाली है…जबकि पाकिस्तान में गरीबी है। पाकिस्तान की गरीबी कर्ज और आतंकवाद को बढ़ावा देने की उसकी हिमाकत से जुड़ी है। आतंकियों का संरक्षक होने के बावजूद वह अब मुस्लिम देशों का आतंक विरोधी मोर्चा बनाने में जुटा है, जिसमें वह खुद भी शामिल है, जिसे मुस्लिम नाटो भी कहा जा रहा है। दूसरी तरफ विदेश गए पाकिस्तान के भिखारियों ने बेइज्जती के नए कीर्तिमान रच दिए हैं। आतंक पसंद पड़ोसी सिर्फ एक बेइज्जती पर ही नहीं रुकता। वह बार-बार ऐसी हरकतें करता है जिससे उसका मजाक बनता रहता है। सऊदी अरब इस समय पाकिस्तानी भिखारियों से परेशान है। पिछले कुछ सालों में वह लगातार पाकिस्तान को इस समस्या से अवगत कराता रहा है। उसने शाहबाज सरकार को पाकिस्तान से आने वाले भिखारियों की बढ़ती संख्या को लेकर आगाह भी किया था। लेकिन, इसका कोई असर नहीं हुआ। ताजा अपडेट यह है कि वहां के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। सऊदी अरब इस बारे में सख्त फैसला भी ले सकता है। तीर्थयात्रा वीजा के नाम पर सऊदी अरब जाते हैं लोग
ऐसे पहुंचे सऊदी अरब
रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब का हज मंत्रालय इस समस्या से निपटने के लिए नई योजना बना रहा है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि हर साल पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग उमराह यानी तीर्थयात्रा वीजा के नाम पर सऊदी अरब जाते हैं। पाकिस्तान के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है कि देश के अंदर के नागरिक दाल, रोटी, आटा, दूध, पेट्रोल, सब्जी, फल जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भटक रहे हैं और जो लोग तीर्थयात्रा के नाम पर पाकिस्तान से विदेश जाते हैं, वे वहां जाकर भीख मांगना शुरू कर देते हैं
अगर हम यह कहें कि पाकिस्तान में भीख मांगना मजबूरी नहीं बल्कि एक संगठित व्यवसाय है, तो गलत नहीं होगा क्योंकि इस चिंता की चर्चा पाकिस्तान की संसद से लेकर सड़कों तक हो चुकी है। खुद पाकिस्तान की सरकार भी ऐसे भिखारियों से परेशान है। हैरानी की बात यह है कि दुनियाभर में गिरफ्तार किए गए 90% भिखारी पाकिस्तानी मूल के हैं।
भिखारियों के खिलाफ अभियान
यह दावा किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तानी मीडिया की एक रिपोर्ट में किया गया है। पाकिस्तान से लोग तीर्थयात्रा के नाम पर ईरान, इराक, सऊदी अरब समेत कई देशों में जाते हैं और भीख मांगकर पैसे जुटाते हैं। पाकिस्तानी लोगों की ऐसी हरकतों की वजह से यूएई भी उन पाकिस्तानियों को वीजा देने से बचता है, जिनके बैंक अकाउंट में पर्याप्त पैसे नहीं होते। उन्हें डर है कि वे तीर्थयात्रा के नाम पर आएंगे और भीख मांगेंगे। इसी साल अगस्त में कराची एयरपोर्ट पर 11 लोगों को पकड़ा गया था। दावा है कि वे सऊदी जाने वाली फ्लाइट में सवार होने की तैयारी कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि उनका मकसद सऊदी अरब जाकर भीख मांगना था। इसी साल मार्च में रमजान के महीने में दुबई प्रशासन ने इन भिखारियों के खिलाफ अभियान चलाया था।
कितना कमाते हैं भिखारी
इस दौरान 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें करीब आधी महिलाएं थीं। अक्टूबर 2023 में लाहौर एयरपोर्ट पर भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी। जब एक फ्लाइट में सवार 16 लोगों को विमान से उतारकर गिरफ्तार कर लिया गया था। जांच के बाद पता चला कि ये लोग भीख मांगने के मकसद से विदेश भी जा रहे थे। पाकिस्तान में करीब 3.8 करोड़ भिखारी हैं। भीख मांगकर पैसे इकट्ठा करने में पाकिस्तान का कराची नंबर वन है। यहां हर भिखारी रोजाना औसतन 2,000 रुपये जमा करता है। पाकिस्तान में भिखारी सालाना 3.5 लाख करोड़ रुपये इकट्ठा करते हैं। यह पाकिस्तान की जीडीपी का 12% से भी ज्यादा है।