इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Pakistani PM Tried To Save Power: कहते हैं कि जब से पाकिस्तान पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (imran khan no confidence motion) आया था तब से इमरान अपनी सरकार बचाने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे थे, लेकिन वे सब विफल हुए। बताया जाता है कि सबसे आखिर में इमरान ने नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर से मदद मांगी। डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का आरोप लगाकर संविधान के आर्टिकल 5 के तहत विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। ऐसे में चलिए जानते हैं पाकिस्तान पीएम ने सरकार बचाने के लिए कौन-कौन सी चालें चलीं। (PM Imran Khan’s Options)
सहयोगियों को साधने की कोशिश
वहीं बताया जा रहा है कि इमरान (imran khan) ने नेशनल असेंबली ( National Assembly) भंग कर दी। अब पाकिस्तान में 90 दिन के अंदर चुनाव होंगे। हालांकि इमरान तब तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इमरान ने इस दौरान अपने सहयोगी दलों को भी साधने की भरपूर कोशिश की। इसी के तहत 28 मार्च को पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इमरान को अपना इस्तीफा दे दिया। वहीं इमरान की पार्टी पीटीआई ने अपनी सहयोगी पार्टी पीएमएल-क्यूं के नेता परवेज इलाही को नया मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है। इसके बाद पीएमएल-क्यूं ने 3 अप्रैल को होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के दौरान इमरान का समर्थन करने का ऐलान किया।
कई बार स्पीकर का लिया सहारा (Pakistani PM Tried To Save Power)
- पाकिस्तान के विपक्ष की ओर से 8 मार्च को इमरान सरकार के खिलाफ पाकिस्तान नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया गया। इस दौरान आरोप लगाया गया कि इमरान सरकार की वजह से देश में आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। 25 मार्च को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी। हालांकि इमरान ने स्पीकर असद कैसर के साथ मिलकर सदन को 28 मार्च तक के लिए स्थगित करा दिया।
- इसके बाद विपक्ष ने स्पीकर को चेतावनी देते हुए कहा कि स्पीकर को नोटिस देने के 14 दिन के अंदर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करानी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा न कर अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा नहीं किया। 28 मार्च को विपक्ष ने नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के साथ ही स्पीकर ने सदन को फिर से स्थगित कर दिया।
- इस बार भी इमरान पर सरकार बचाने के लिए जानबूझकर सदन को स्थगित करवाने का आरोप लगा। हालांकि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद स्पीकर को 7 दिन के अंदर वोटिंग करानी होती है। इसी के बाद 3 अप्रैल को वोटिंग का दिन तय किया गया।
इमरान पाक सेना प्रमुख से भी मिलने गए थे (Pakistani PM Tried To Save Power)
- राजनीतिक उथल-पुथल के बीच इमरान खान ने 18 मार्च की सुबह सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की। इसके बावजूद कई रिपोर्ट में दावा किया गया कि सेना ने भी अब इमरान का साथ छोड़ दिया है। 30 मार्च को पहले खबर आई कि रात 7:30 बजे देश के नाम संबोधन के दौरान इमरान खान इस्तीफा दे सकते हैं।
- हालांकि इसके बाद रात के 9 बज गए, लेकिन इमरान टीवी पर नहीं आए। बाद में कहा गया कि इमरान आज देश को संबोधित नहीं करेंगे। मशहूर जर्नलिस्ट हामिद मीर ने जियो टीवी पर अपने प्रोग्राम में कहा कि दो अहम शख्सियतों ने संबोधन से पहले इमरान से मुलाकात की। इसके बाद तय हो गया कि इमरान की स्पीच नहीं होगी।
इस्लामाबाद रैली पर दिखाई लोकप्रियता
- इमरान के खिलाफ पहले 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था इससे पहले उन्होंने 27 मार्च को इस्लामाबाद में एक रैली की। इस दौरान वह दिखाना चाहते थे कि उनकी लोकप्रियता अभी भी बरकरार है। इस रैली में इमरान कट्टर प्रतिद्वंद्वियों नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी के खिलाफ जमकर बरसे। खान ने भीड़ के सामने एक लेटर भी लहराया। आरोप लगाया कि ये लोग विदेशी साजिश का हिस्सा हैं। इमरान ने कहा कि जनरल मुशर्रफ ने नवाज शरीफ और आसिफ जरदारी को क्लीन चिट दी। (Pakistan Democratic Movement)
- इमरान ने कहा कि ”जब मैं सत्ता में आया तब इन दोनों मेरे ऊपर दबाव बनाया और एनआरओ देने की मांग की। लेकिन मैंने इनकार कर दिया”। इसके बाद उन्होंने मेरी सरकार के खिलाफ साजिशें रचनी शुरू कर दी। इमरान ने कहा कि अब देश तोड़ने की कोशिश दूसरे देशों से हो रही है। इस साजिश का हमें कई माह से पता है, लेकिन हम किसी की गुलामी नहीं करेंगे। बाहर से पैसा आ रहा है और मुल्क की हुकूमत तब्दील करने की साजिश हो रही है। बेगैरत आदमी की कोई इज्जत नहीं करता। हम सुपर पावर्स की गुलामी करते हैं।
पाकवासियों को प्रदर्शन के लिए भड़काया (Pakistani PM Tried To Save Power)
- इमरान खान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष के साथ मिलकर विदेश से उनके खिलाफ साजिश रची गई है। नेशनल सिक्योरिटी कमेटी और कैबिनेट ने वो डॉक्यूमेंट देखा है। ये आफिशियल डॉक्यूमेंट है कि इमरान खान को आप अगर हटाएंगे तो अमेरिका के रिश्ते आपसे अच्छे होंगे। जैसे ही आप इमरान को हटाएंगे हम आपको माफ कर देंगे। उन्होंने शहबाज शरीफ पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी मिलीभगत इस साजिश में है और शहबाज अमेरिका की गुलामी के लिए तैयार हैं।
- इमरान खान ने पूरे देश से, खासकर युवाओं से सड़कों पर उतरकर इस साजिश के खिलाफ प्रदर्शन करने को कहा। उनका कहना है कि विपक्ष ने देश के साथ गद्दारी की है, इसलिए पूरे पाकिस्तान को सड़कों पर निकलकर इनके खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए। इमरान ने कहा कि साजिश साबित हो गई है। बकरों की तरह सियासतदानों की नीलामी हो रही है। उन्हें खरीदा जा रहा है। देश के नौजवानों को फैसला करना है। अगर आप चुप होकर बैठेंगे तो आप बुराई के साथ होंगे। आप सब इस साजिश के खिलाफ प्रदर्शन करिए।
इस्लामाबाद रैली में लेटर बम को उछाला
- इमरान खान ने 27 मार्च को इस्लामाबाद में रैली के दौरान जेब में से एक लेटर निकालकर दिखाया। हालांकि यह नहीं बताया कि इसमें क्या लिखा है। इमरान ने कहा कि बहुत जल्द ही वह इस विदेश साजिश का खुलासा करेंगे। हालांकि मैं ऐसी कोई बात नहीं करना चाहता जिससे देश को नुकसान पहुंचे। तीन दिन तक पाकिस्तान में इस लेटर की चर्चा होती रही है। इसके बाद 31 मार्च को इमरान ने इस सीक्रेट लेटर को मंत्रियों और कई पत्रकारों के साथ साझा किया।
- उन्होंने कहा कि ये पत्र उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले मिला था। इस पत्र में भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का जिक्र है। 31 मार्च को ही देश को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें हटाने की साजिश में अमेरिका शामिल है। उनकी विदेश नीतियों से अमेरिका खफा है इसलिए विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर उनकी सरकार को गिराने का काम हो रहा है।
विपक्षियों पर देशद्रोह का केस दर्ज की चेतावनी
इमरान अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से एक दिन पहले यानी 2 अप्रैल तक विपक्षी नेताओं धमकी देते नजर आए। उन्होंने कहा कि सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वो देशद्रोह के मुकदमे के लिए वकीलों से सलाह ले रहे हैं। इमरान ने कहा कि जिस तरह की गद्दारी इन लोगों ने देश के साथ की है, उसे माफ नहीं किया जा सकता। एक-एक के खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे। हमें कानून भी देखना है, मैं रात तक वकीलों के साथ फैसला करूंगा कि आखिर किस तरह की कानूनी कार्रवाई इनके खिलाफ करनी है। (Tehreek-e-Insaf)
इमोशनल होकर देश को किया था संबोधित
- इमरान खान ने 31 अप्रैल को सरकार बचाने के लिए करीब 40 मिनट तक फुल इमोशनल होकर देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्हें हटाने की साजिश में अमेरिका शामिल है। उनकी विदेश नीतियों से अमेरिका खफा है, इसलिए विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने का काम किया जा रहा है।
- इमरान ने भारत पर भी आरोप लगाए। उन्होंने एक किताब का जिक्र करते हुए दावा किया कि नवाज शरीफ नेपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छिप-छिपकर मिलते थे। इमरान ने अपनी स्पीच में कश्मीर के बारे में भी बोला। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग को लेकर कहा कि तीन अप्रैल को देश का फैसला होना है कि ये किस तरफ जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे किसी ने इस्तीफा देने को कहा है, लेकिन मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। जो मेरे साथ मैच खेलते थे, वो भी जानते हैं कि मैं आखिरी गेंद तक खेलता हूं।
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