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Pakistani Political Stir Update : इन वजहों से सत्ता से बेदखल हो रहे “इमरान खान”

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Pakistani Political Stir Update: पाकिस्तान की राजनीति में इस समय काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। क्योंकि इमरान खान की गठबंधन सरकार से दो दलों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। इससे इमरान सरकार की विदाई तय मानी जा रही है। तो आइए जानते हैं कि पाकिस्तान के राजनीतिक हालात क्या हैं। इमरान की दूसरी पत्नी रेहमखान का क्या है कहना। इमरान सरकार के नाकाम होने का कारण क्या। दक्षिण एशिया के सुरक्षा हालात पर क्या पड़ सकता है असर।

सियासी हालात में इमरान के पास विकल्प क्या?

 Pakistan Prime Minister Imran Khan: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्ता आखिरी सांसें गिनती नजर आ रही है और पीएम इमरान खान के विकल्प भी सीमित होते नजर आ रहे हैं। देखने में तो ऐसा लगता है किइमरान के पास दो ही विकल्प हैं। पहला तो ये कि वे इस्तीफा दे दें और दूसरा ये कि वे किसी तरह अपने गठबंधन की संख्या पूरी कर लें।

2018 में सत्ता से जुड़े थे इमरान

  • इमरान खान पाकिस्तान के चर्चित क्रिकेटर रहे हैं। 2018 में जब वो सत्ता में आए थे तो उन्होंने पाकिस्तान को नई उम्मीद दी थी। इस दौरान लगातार वो अपने आप को मुस्लिम वर्ल्ड या मुस्लिम उम्मा (दुनियाभर के मुसलमान) के नेता के तौर पर पेश करते रहे, लेकिन ना ही उन्होंने अपने देश के लिए कुछ खास किया और ना ही मुस्लिम वर्ल्ड के लिए कुछ कर सके।
  • वहीं कहते हैं कि इमरान खान के साथ एक मसला और ये हुआ कि अफगानिस्तान में अशरफ गनी की सरकार चली गई। अफगानिस्तान में तालिबान के वापस आने से पाकिस्तान पर अतिरिक्त दबाव पड़ा। पश्चिमी देश और पूरी दुनिया पाकिस्तान से अधिक भूमिका निभाने की मांग करने लगी। इमरान खान इस दबाव को भी ठीक से नहीं झेल पाए।

Reason For Failure Of Imran Khan Government  (Pakistani Political Stir Update)

दूसरी पत्नी रेहम खान का आरोप, कभी उसूलों पर नहीं टिके इमरान

Imran Khan with his second wife Rehman Khan (फाइल फोटो )

इस मामले में इमरान खान की दूसरी पत्नी रेहम खान का कहना है कि वह कभी भी अपने उसूलों पर टिके नहीं रहे, उन्हें उसूलों की परवाह नहीं है। वहीं रेहम खान ने इमरान पर चोर रास्ते से सत्ता में आने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, अब इमरान पर लोगों को भरोसा नहीं है। अब तक उनका साथ दे रहे लोगों ने भी उनका साथ छोड़ दिया है और अब उन्हें भी पता है कि इमरान के नाम पर उन्हें वोट नहीं मिलेंगे। रेहम खान ने कहा, इमरान जम्हूरियत के नाम पर सत्ता में आए थे, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शमिंर्दा किया है। वहीं इमरान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी के बारे में रेहम खान का कहना है कि मेरे और मेरे बच्चों के खिलाफ उन्होंने कई षड़यंत्र रचे।

बुशरा बीबी इमरान की तीसरी नंबर की पत्नी हैं : कहा जाता है कि इमरान खान की पहली शादी 1995 जेमिमा गोल्डस्मिथ से हुई थी जोकि टेलीविजन, फिल्म प्रोड्यूसर थी। 2004 में इमरान ने जेमिमा गोल्डस्मिथ से तलाक ले लिया था। इमरान की दूसरी शादी 2015 में रेहमखान से हुई थी जोकि पत्रकार, लेखक और फिल्ममेकर हैं, और इमरान ने 2015 में ही रेहमखान से तलाक भी ले लिया था। तीसरी शादी इमरान खान की बुशरा बीबी से 2018 में हुई थी जो कि आध्यात्मिक गुरू हैं।

विपक्षियों के निशाने पर

  • कहते हैं कि इमरान ने देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने का वादा किया था। विपक्ष के नेता नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) के निशाने पर रहे। नवाज शरीफ परिवार और उनका राजनीतिक विरोधी आसिफ अली जरदारी परिवार नैब के शिकंजे में आया। भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में नैब ने नवाज शरीफ और जरदारी को गिरफ्तार किया। दोनों पार्टियों के कई और नेता भी गिरफ्तार हुए। विश्लेषकों का कहना है कि नैब की कार्रवाइयों से परेशान विरोधी दल इमरान खान के खिलाफ एकजुट हो गए और उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिशें में लग रहे।
  • कहा जाता है इमरान खान खुद अपनी पार्टी को एकजुट नहीं कर सके। वो उन्हीं लोगों को नाराज करते रहे जो मजबूती से उनके साथ थे। अब इमरान की अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कई सांसद विदेशी कैंप में जाकर बैठ चुके हैं। इसका उदाहरण जहांगीर खान तरीन का है जो इमरान खान से नाराज हो चुके हैं। बताया जाता है कि तरीन के साथ सात-आठ सांसद हैं। अगर ये इमरान खान का साथ छोड़ते हैं तो उनकी सरकार पूरी तरह नाकाम हो जाएगी।

सेना ने खींच लिए हाथ  (Pakistani Political Stir Update)

  • बता दें कि पाकिस्तान में सेना के समर्थन के बिना सरकार चलाना नामुमकिन है। इमरान खान जब (2018) सत्ता में आए थे तब यही कहा जा रहा था कि उनके पीछे सेना ही है। उन्हें सेना का साथ मिलता भी रहा, लेकिन अब सेना ने भी हाथ पीछे खींच लिए हैं। कहते हैं कि इमरान खान की सरकार को करीब साढ़े तीन साल हो गए हैं। इस दौरान पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था और एस्टेब्लिशमेंट (सेना और खुफिया एजेसियां) इमरान खान सरकार का पूरा समर्थन करती रही।
  • वहीं इमरान खान के समर्थक दल जैसे बलूचिस्तान अवामी पार्टी, ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस, पाकिस्तान मुस्लिम लीग- कायद-ए-आजम और मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट को भी एस्टेब्लिशमेंट ने ही एकजुट किए रखा। लेकिन मौजूदा हालात जो हैं इसके पीछे कई कारण हैं।

इमरान से जनता नाराज

  • पाकिस्तान के सभी वर्गों में इमरान के प्रति नाराजगी दिख रही है। यही वजह है कि उनके कट्टर फैंस को छोड़ दें तो पाकिस्तान में उनकी सरकार के जाने को लेकर जनता में कोई खास प्रतिक्रिया नहीं है।
  • वहीं इमरान सरकार में रहने के बावजूद सियासी मैच्योरिटी हासिल नहीं कर पाए। वो वही किरदार अदा करते रहे जो वो विपक्ष में रहते हुए कर रहे थे। वो देश में कोई राजनीतिक आम सहमति नहीं बना सके। इमरान खान से इस समय पाकिस्तान के धार्मिक लोग भी नाराज हैं, उदारवादी भी नाराज हैं और राष्ट्रवादी भी नाराज हैं।

अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट  (Pakistani Political Stir Update)

  • आपको बता दें कि आर्थिक नाकामी को भी इमरान सरकार जाने की अहम वजह माना जा रहा है। क्योंकि इमरान खुशहाली का वादा करके सत्ता में आए थे, लेकिन उनकी सरकार के दौरान देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती रही और महंगाई बढ़ती गई। आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया। विदेशी कर्ज बढ़ता गया। ईंधन के दाम ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गए।
  • इमरान सरकार की नाकाम फाइनेंशियल टीम है। उन्होंने बीते साढ़े तीन साल में पांच वित्त मंत्री बदले। इसके बावजूद आर्थिक मोर्चे पर सरकार कुछ डिलीवर नहीं कर सकी। देश में कोई मेगा प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सका। ना ही उनके पास देश को चलाने के लिए कोई विजन नजर आया। हालांकि, इमरान सरकार को देश के एस्टेब्लिशमेंट और जनता का पूरा समर्थन मिलता रहा।

पड़ोसी देशों से रिश्ते सही ना होना

इमरान सरकार की एक बड़ी नाकामी की वजह ये भी है कि वो अपने पड़ोसी देशों से संबंध अच्छे नहीं रख सके। भारत और ईरान और खासकर पश्चिमी देशों के साथ पाकिस्तान के रिश्ते बहुत निचले स्तर तक चले गए। इसे भी इमरान खान की सरकार की नाकामी की एक बड़ी वजह माना जा रहा है।

इमरान सरकार जाने से दक्षिण एशिया के सुरक्षा पर क्या पड़ेगा असर?  ( Pakistani Political Stir Update)

  • आपको बता दें कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया का एक अहम देश है। हाल के सालों में भारत-पाकिस्तान का तनाव बढ़ा है। उधर अफगानिस्तान में सत्ता तालिबान के हाथ में आ गई है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिरने से दक्षिण एशिया के सुरक्षा हालात पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
  • इसके पीछे कारण ये है कि पाकिस्तान के बड़े फैसले अक्सर एस्टेब्लिशमेंट करती है। हिंदुस्तान से संबंध हों, अफगान पॉलिसी हो, चीन के साथ संबंध हों- ये सब अक्सर एस्टेब्लिशमेंट करती है। सरकारों के आने-जाने से इस पर खास असर नहीं पड़ता है। वहीं ये जरूर है कि अगर नई सरकार बनती है तो पाकिस्तान कुछ नई नीतियां ला सकता है और नए वैश्विक गठजोड़ कर सकता है।

क्या पड़ोसी देशों से संबंध सुधरेंगे?

  • अगर पाकिस्तान में सत्ता बदलती है और नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुसलिम लीग- नवाज या जरदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सरकार बनती है तो ये दक्षिण एशिया के लिए एक अच्छा संकेत होगा। क्योंकि नवाज शरीफ के आने से पाकिस्तान के चीन के साथ संबंध बेहतर होने की भी उम्मीद है।
  • हालांकि भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते अगले कुछ सालों तक शायद ऐसे ही रहें जैसे अभी हैं, लेकिन ये कहा जा सकता है कि अगर पाकिस्तान में सरकार बदलती है तो पाकिस्तान के दक्षिण एशियाई देशों और पश्चिमी देशों के साथ संबंध बेहतर होंगे। इससे दक्षिण एशिया में सुरक्षा हालात भी बेहतर हो सकते हैं।

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Suman Tiwari

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