India News (इंडिया न्यूज़), West Bengal Panchayat Poll, कोलकाता: पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। एक बातचीत के दौरान उन्होंने विपक्षी एकता के सवाल पर विपक्ष को एक करने के प्रयास को लेकर कहा कि जब सीएम ममता बनर्जी दिल्ली जाती हैं साधु बन जाती हैं। जैसे ही वह कोलकाता आती हैं वह शैतान बन जाती हैं।

“कोलकाता आते ही जब शैतान बन जाती हैं ममता बनर्जी”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “जो कुछ भी पंचायत चुनाव में हुआ है वह तृणमूल का रक्तचरित्र है। अभी जिस दिन वोटों की गिनती होगी उस दिन भी ऐसा ही माहौल होने वाला है। इसलिए मैं कह रहा हूं की ममता बनर्जी है एक तरफ जब दिल्ली में जाती है तो साधु बन जाती हैं। यही ममता बनर्जी जब कोलकाता आती हैं तो शैतान बन जाती हैं। तो इस तरह साधु और शैतान का खेल चल रहा है।”

किसी भी हालत में चुनाव सही तरीके से नहीं हो सकते

अधीर रंजन ने कहा, “जहां तक पोल की बात है तो पश्चिम बंगाल में स्थानीय चुनाव फ्री एंड फेयर हो ही नहीं सकते हैं। क्योंकि जब तक सेंट्रल फोर्स सही तरीके से नहीं आए तब तक किसी भी हालत में यहां चुनाव सही तरीके से नहीं हो सकते हैं।” उन्होंने कहा, “इसके लिए कई तरह की नियम बना रखे हैं। इसके साथ ही किस-किस तरीके से यह लोग पोल रिगिंग करते हैं आपको जानकर हैरानी होगी। मतपत्र और मत पेटी पहले से ही लूट लिया जाते हैं पुलिस और सारे मतदान कर्मियों की मिलीभगत होती है।”

जानबूझकर लंबी-लंबी लाइन खड़ी कर देते हैं

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “ये लोग जानबूझकर लंबी-लंबी लाइन खड़ी कर देते हैं। जिसमें एक बार जब लोग लग जाते हैं तो पुलिस आकर डंडा बरसती है। फिर लोगों को भागना पड़ता है यहां पर बेवजह आम लोगों का खून बह रहा है और ये सब कुछ वहां चुनाव के नाम पर हो रहा है।” उन्होंने कहा कि बंगाल जैसे राज्य नगर पालिका और पंचायत चुनाव के लिए काबिल है ही नहीं यह चुनाव बंद होना चाहिए। क्योंकि इससे कम से कम लोगों की जान तो बचेगी।

“नॉमिनेशन की डेट से पहले शुरू कर देते हैं मार काट”

इसके साथ ही उन्होंने कहा, “जब कोई भी इस चुनाव में जीता है। तो इतना ज्यादा करप्शन है कि वह 5 साल तक उसको कोई काम करने की जरूरत नहीं होती है। इसलिए उसकी कोशिश होती है कि किसी भी तरीके से इस चुनाव को जीता जाए और यही वजह है कि इस चुनाव को जीतने के लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपनाता है। जब नॉमिनेशन का डेट निकलता है उसके पहले से ही यह मार काट शुरू हो जाता है। पहले कोशिश होती है कि आदमी नॉमिनेशन करेगी ना अगर नॉमिनेशन कर भी ले तो उसको डराने धमकाने की कोशिश की जाती है और अभी तो एक और रक्तचरित्र होना बाकी है।”

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