India News (इंडिया न्यूज), Parliament Seat Arrangement: जब भी टीवी पर या किसी वीडियो में लोकसभा की कार्यवाही देखते हैं, तो आपको एक बड़े हॉल में रखी सभी सीटें दिखती हैं। जहां सभी सांसद बैठते और देश के लिए महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं। उनके सामने स्पीकर की सीट जज की सीट की तरह रखी गई है। आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री नीचे दाईं ओर बैठते हैं, जबकि विपक्षी सांसद बाईं ओर बैठते हैं। सभी सांसदों की सीटें तय होती हैं और सांसद अपनी तय सीटों के आधार पर बैठते हैं। एक साथ 545 सांसदों के बैठने का प्रावधान है। लेकिन, क्या आपने कभी जाना कि इन 545 सीटों में से एक सीट सबसे खास है।
दरअसल, इस खास सीट का नंबर 420 है। इस खास सीट के खास होने की वजह यह है कि इस संसद में सीट नंबर 420 है ही नहीं और सीट नंबर 420 पर कुछ और लिखा हुआ है। तो आइए जानते हैं कि सीट नंबर 420 पर कौन से नंबर दिए गए हैं।
क्यों नहीं है सीट नंबर 420?
दरअसल जैसे कई मंजिलों वाली इमारतें में 13वीं मंजिल नहीं होती। ठीक वैसी ही कहानी है सीट नंबर 420 की। दरअसल, नंबर 420 का इस्तेमाल फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी आदि के लिए किया जाता है। इसलिए संसद में सीट नंबर 420 है ही नहीं। बता दें कि, सीट नंबर 420 को 419-A नंबर दे दिया गया है। इसकी पुष्टि ओडिशा से चार बार सांसद रहे बैजयंत जय पांडा ने भी की। जो अब बीजेपी के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कुछ साल पहले अपने ट्वीट में इस कुर्सी की फोटो शेयर की थी और 419 ए के बारे में बताया था। आप नीचे दिए गए फोटो को भी सबूत के तौर पर देख सकते हैं।
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क्यों है 420 नेगेटिव ?
दरअसल, 15वीं लोकसभा में सीट आवंटन के दौरान 420वें नंबर पर आए असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसद बदरुद्दीन अजमल को 420 की जगह सीट नंबर 419-ए आवंटित किया गया था। दरअसल, नंबर 420 भारतीय दंड संहिता की एक धारा है। यह उस व्यक्ति पर लागू होता है जो दूसरों को धोखा देता है, बेईमानी करता है या किसी को धोखा देकर उसकी संपत्ति हड़प लेता है। नंबर 420 अंग्रेजी के शब्द चीटिंग से जुड़ा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि नंबर 420 धोखाधड़ी, बेईमानी और धोखाधड़ी से जुड़ा है। इसीलिए जब कोई धोखा देता है या बेईमानी करता है तो लोग उसे 420 कहकर पुकारते हैं।