नई दिल्ली (Parliament Session): अदानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने आज संसद में गांधी प्रतिमा के बाहर हंगामा किया। विपक्ष को सांसदों ने अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के जरिए जांच की मांग की। इसके अलावा देशभर में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एलआईसी और एसबीआई के दफ्तरों के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस की ओर से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं और जीवन बीमा निगम के कार्यालयों के बाहर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु के चेन्नई में एलआईसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अडानी मुद्दे को लेकर हैदराबाद और मुंबई में एसबीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
जेपीसी की मांग पर अड़ा विपक्ष
बता दें कि विपक्षी दल हिंडनबर्ग और अडानी समूह की जांच जेपीसी के जरिए कराने की मांग पर अड़ा हुआ है और इसी रिपोर्ट को लेकर दोनों सदनों में हंगामा भी हुआ। जिसकी वजह से बजट सत्र के पहले सप्ताह में कोई कामकाज नहीं हो पाया है। इस बीच सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा में बिजनेस नोटिस का निलंबन दिया और अडानी समूह की कंपनियों के संकट पर चर्चा करने की मांग की गई है।
मोदी सरकार क्यों चुप- जयराम रमेश
कांग्रेस संचार प्रभारी जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा कि अदानी समूह के खिलाफ आरोप लगने के बाद से ही मोदी सरकार चुप्पी साधे हुए है। दोनों एक दूसरे से मिले हुए हैं। अब से कांग्रेस प्रधानमंत्री से एक दिन में तीन सवाल करेगी। इससे पहले रविवार को कांग्रेस ने कहा था कि पनामा पेपर्स लीक के बाद पीएम मोदी के आश्वासन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिका की निवेश रिसर्च कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें अडानी ग्रुप पर शेयर बाजार में “हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग” के आरोप लगाए गए। रिपोर्ट के आने के बाद से ही अडानी समूह की कंपनियों से जुड़े शेयरों में गिरावट देखी जा रही है।
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