India News (इंडिया न्यूज), Parliament Special Session Live : संसद के विशेष सत्र का आज यानी 20 सितंबर को तीसरा दिन है। संसद की कार्यवाही नए संसद भवन में शुरू हो गई है। कल यानी 19 सितंबर को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया। बता दें नए संसद में भवन में पेश होने वाला पहला बिल ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ है। ऐसे में आज इस विल को लेकर संसद में बहस जारी है। कहा जा रहा है कि ये बिल अभी सिर्फ पेश किया गया है इसे आने में अभी देरी है। इसे लेकर तर्क दिया जा रहा है कि जनगणना के बाद परिसीमन होकर इस बिल को लागू किया जाएगा। ऐसे में बिल के पास होने में देरी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलवार है और इस बिल को जल्दी लानें की मांग कर रही है।
संसद में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के पद की शपथ लेने के बाद से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, समान भागीदारी सरकार की जीवन शक्ति रही है।
गृह मंत्री ने आगे कहा कि कुछ पार्टियों के लिए, महिला सशक्तिकरण का मुद्दा एक राजनीतिक एजेंडा या चुनाव जीतने का नारा हो सकता है। हालाँकि, मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेंद्र मोदी के लिए, महिला सशक्तिकरण कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है
उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का मुद्दा एक राजनीतिक एजेंडा या चुनाव जीतने का नारा हो सकता है। हालाँकि, मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेंद्र मोदी के लिए, महिला सशक्तिकरण कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।,
महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज, मैं सत्ता पक्ष और विपक्ष से आग्रह करना चाहता हूं कि हमें इस नई शुरुआत के लिए एकजुट होना चाहिए और आम सहमति से महिलाओं को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन करना चाहिए।,”
उन्होंने कहा कि “कांग्रेस ने इस देश में पांच दशकों से अधिक समय तक शासन किया, लेकिन 11 करोड़ परिवार ऐसे थे जो शौचालय से वंचित थे। उन्होंने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया लेकिन गरीबों के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर सके। जब किसी घर में शौचालय नहीं होता है तो सबसे ज्यादा असर बेटियों, बहनों और माताओं पर पड़ता है।
उन्होंने कह कि यह जानकर आश्चर्य हुआ कि भारत सरकार में 90 सचिवों में से केवल तीन ओबीसी हैं।
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने कहा “हर पार्टी ने इस बिल को और अधिक प्रभावी बनाने के नाम पर इस पर राजनीति की। यही कारण है कि पिछले 27 वर्षों से यह बिल लागू नहीं हो सका।”
बीजेपी मुद्दों से भटकाने की कोशिश करती है…लोगों को गुमराह करने के लिए तरह-तरह के मुद्दे उठाती है ताकि वे सवाल न पूछ सकें…अभी वे महिला आरक्षण बिल लाए हैं इसमें संशोधन करने की क्या जरूरत थी? जो बिल हमने पहले राज्यसभा में पास करवाया था उसे पास करवाते। ये अब 6 साल बाद लागू किया जाएगा। पहले जनगणना होगी, फिर परिसीमन होगा और फिर कानून लागू होगा…अगर उनकी मंशा साफ होती तो वे अभी ही ऐसा कर सकते थे: कांग्रेस नेता सचिन पायलट, राजस्थान
हिमंत बिस्वा सरमा हिंदू हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिंदू हैं। हिंदू धर्म के आधार पर किसी के माता-पिता के निधन के बाद उसके पुत्र द्वारा बाल दान किया जाता है यानि मुंडन किया जाता है। प्रधानमंत्री ने तो अपनी माता के निधन के बाद अपना मुंडन नहीं करवाया इसलिए मैं हिमंत बिस्वा सरमा को कह रहा हूं कि वे प्रधानमंत्री को कहें कि वे मुंडन करा ले तभी मैं हिमंत बिस्वा सरमा को हिंदू मानूंगा: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
हमने स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33% आरक्षण सुनिश्चित किया। राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रीय संसद में महिलाओं के लिए समान आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव अब आकार ले रहा है। लैंगिक न्याय के लिए यह हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी: दिल्ली में एशिया प्रशांत फोरम की 28वीं वार्षिक आम बैठक और द्विवार्षिक सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
सपा की हमेशा से मांग रही है कि पिछड़ा वर्ग महिला तथा अल्पसंख्यक महिला को नारी शक्ति वंदन अधिनियम में शामिल किया जाए और इसमें उनको आरक्षण दिया जाए। लोकसभा और विधानसभा में यह महिला आरक्षण बिल तो लागू होगा लेकिन हम पूछना चाह रहे हैं कि राज्यसभा और विधान परिषद में लागू होगा कि नहीं? आने वाले चुनाव में यह लागू हो पाएगा की नहीं और 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में ये लागू हो पाएगा की नहीं? सवाल ये भी है कि जनगणना कब होगा और परिसीमन कब होगा?: समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव
इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जा सकेगा। सबसे पहले देश में जनगणना कराई जाएगी और इसके बाद सीटों का परिसीमन किया जाएगा। जनगणना में काफी समय लगता है… इसके बाद ही यह बिल लागू होगा… इससे साफ है कि यह बिल महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं लाया गया है बल्कि आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया है: महिला आरक्षण बिल पर BSP प्रमुख मायावती
महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33% आरक्षण सुनिश्चित कराने का प्रस्ताव अब संसद में आकार ले रहा है। यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी पहल होगी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
मैं इस(महिला आरक्षण बिल) बिल के समर्थन में खड़ी हूं जोकि पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल में लागू किया जा चुका है। पश्चिम बंगाल देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां एक महिला मुख्यमंत्री हैं जबकि देश के 16 राज्यों में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इनमें से किसी भी राज्य में महिला मुख्यमंत्री नहीं है। ममता बनर्जी ने महिलाओं के हित के लिए बुलंद तरीके से अपनी आवाज़ उठाई है। विशेष रूप से भारतीय विधानसभा में हमारे पास देश में किसी और विधानसभाों की तुलना में सबसे अधिक महिलाएं हैं, हमारे यहां ममता बनर्जी के साथ-साथ कई महिला मंत्री है… : लोकसभा पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस सांसद काकोली घोष दस्तीदार
जितना उत्साह और खुशी कल थी, सरकार ने उसपर पानी फेर दिया। जनगणना के बाद परिसीमन होकर इस बिल को लागू किया जाएगा। अगले 5-6 साल तक ये लागू होने वाला नहीं है। जब आप(केंद्र सरकार) इसे लागू ही नहीं कर रहे तो आप इस बिल को लेकर क्यों आए?…: शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल
आज तक महिला आरक्षण बिल पर ये UPA और INDI के लोग जनता को भ्रम में डालते रहें। उनकी पहले भी इच्छा नहीं थी और आज भी इसे पास कराने की इच्छा नहीं है लेकिन ये बिल पास होगा और महिलाओं को आरक्षण जरूर मिलेगा: केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे
यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे… बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था, आज उसका नतीजा है कि आज देश भर के स्थानीय निकायों में हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है… मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं देश की स्त्रियां अपनी राजनीतिक ज़िम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं लेकिन अभी भी इसके लिए उन्हें कितने वर्ष इंतज़ार करना होगा? कांग्रेस की मांग है कि यह बिल तुरंत लागू किया जाए और इसके साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाए: लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी
यह विधेयक महिलाओं की गरिमा के साथ-साथ अवसरों की समानता को भी बढ़ाएगा। महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा। इसके चार महत्वपूर्ण खंड हैं: महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
हम शुरू से महिला आरक्षण बिल की मांग कर रहे हैं। इसके साथ हमने और भी मांग की थी लेकिन वह नहीं हुआ। हर दस साल में(जनगणना) हो जानी चाहिए थी जो नहीं हुई… हमने महिलाओं के हित में सबसे पहले काम किया… महिला भर्ती, स्कूल सहित अन्य क्षेत्र में महिलाओं के हित में काम किया। महिलाओं को आरक्षण बिल्कुल मिलना चाहिए इसी प्रकार से हमारी मांग है कि SC/ST, पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग की महिलाओं को भी विधान सभाओं और लोकसभा-राज्यसभा में आरक्षण मिलना चाहिए: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पटना
10:40 AM, 20-SEP-2023
जब कल मैं संविधान (संविधान की नई प्रतियां) पढ़ रहा था तो मुझे ये (धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी)दो शब्द नहीं मिले। तब मैंने इन्हें अपने आप से जोड़ दिया और उसके बाद मैंने इसे राहुल गांधी को भी दिखाया… इसमें 1976 में संशोधन किया गया था, तो हमें आज संशोधन क्यों नहीं मिलेगा। हम संशोधन क्यों करते हैं? यह हमारे संविधान को बदलने की जानबूझकर की गई कोशिश को दर्शाता है: कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी
2004 से 2014 तक कांग्रेस के पास पर्याप्त सीटें थी। उन्होंने बिल(महिला आरक्षण) पारित क्यों नहीं कराया? जब राज्यसभा में बिल पारित हो गया था, लोकसभा में पारित क्यों नहीं करा पाए? वे अपने सहयोगी दलों के दबाव में क्यों झुक गए? इस बात का जवाब सोनिया गांधी और कांग्रेस के नेताओं को देना होगा: भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी
कोई सवाल नहीं है, एक रिवॉल्यूशन बनी है। 2010 में कांग्रेस पार्टी महिला आरक्षण बिल लेकर आई थी, भाजपा ने समर्थन भी किया था लेकिन लोकसभा में इस बिल को पास करने की उनकी हिम्मत नहीं थी। अभी जो मुद्दें उठ रहे हैं यह दर्शा रहा है कि कोई अन्य मुद्दा नहीं है: भाजपा सांसद प्रकाश जावड़ेकर
हां, सोनिया गांधी जी हिस्सा लेंगी और हमारी पार्टी की तरफ से सोनिया गांधी जी चर्चा शुरू करेंगी, यह अभी तय हुआ है: ‘क्या कांग्रेस महिला आरक्षण बिल पर चर्चा का हिस्सा होगी’ पूछे जाने पर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी
10:16 AM, 20-SEP-2023
इस पर पूरे दिन चर्चा होगी। यह 11 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलने का समय निर्धारित किया गया है…इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है: महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
पहले ही राज्यसभा में 2010 में हमने (महिला आरक्षण बिल) पास किया है, लोकसभा में किसी कारण बिल पास नहीं हुआ। यह कोई नया विधेयक नहीं है… मेरा अंदाज़ा है कि ये लोग चुनाव की दृष्टि से ऐसा बोल रहे हैं, लेकिन इन्होंने कहा है जनगणना, परिसीमन होने के बाद सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए इसे लागू किया जाएगा इसमें समय लगेगा, जो विधेयक राज्यसभा में पास हुआ था ये उसे आगे बढ़ा सकते थे लेकिन इनकी मंशा कुछ और है। हम महिला आरक्षण बिल के पक्ष में हैं लेकिन जो कमियां हैं उन्हें दुरुस्त करना चाहिए: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
यह क्रेडिट(महिला आरक्षण बिल पर) या श्रेय वाद की लड़ाई बंद होनी चाहिए। कल प्रधानमंत्री पुराने संसद भवन से पैदल चलकर नए संसद भवन में आए। इस देश की शुरूआत पैदल चलकर हो गई थी, गांधी जी पैदल चले, स्वतंत्रता संग्राम के कई नेता पैदल चले। राजीव गांधी पैदल चले, राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा पैदल चल कर की। मैंने कल पहली बार प्रधानमंत्री को पैदल चलते देखा लेकिन इस प्रवास और प्रयास में कई चीज़े पुराने लोगों ने कर ली है। जिसमें महिला विधेयक, ISRO और बहुत कुछ है। ये देश का कार्य है, सरकार आपकी है आने वाले दिनों में किसी और की होगी। अगर आप महिलाओं की बात करते हैं तो श्रेय वाद की बात क्यों करते हैं? : शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत, दिल्ली
महिला आरक्षण बिल पर मेघालय की मंत्री डॉ. अम्पारीन लिंगदोह ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं। यह हम सभी देश की महिलाओं के लिए खुशी का दिन है। मैं विधेयक के अच्छे आकार लेने और कानून बनने की आशा करती हूं। मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही विधानसभाओं को महिलाओं को राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने का उचित मौका देते हुए देखेंगे। ऐसा नहीं है कि कभी महिला उम्मीदवार नहीं जीतीं। लेकिन सच तो यह है कि महिला उम्मीदवारों को अपने पुरुष दावेदारों से बहुत कड़ी टक्कर मिलती है। इसलिए, इसलिए, जब आप विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक सीट आरक्षित करते हैं, तो मुझे लगता है कि यह महिलाओं को वह मान्यता देने का सबसे अच्छा तरीका होगा जिसकी वे हकदार हैं। हमारे पास उम्मीदवार हों या न हों, मुझे नहीं लगता कि राज्य में प्रतिभा की कमी होगी। हम महिलाएं हैं जो काम के हर क्षेत्र में बहुत सक्रिय हैं। इसलिए मैं विधेयक के कार्यान्वयन की प्रतीक्षा कर रही हूं।
महिला आरक्षण बिल पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा, “ऐसा लगता है कि वे इसे अब लागू नहीं करने जा रहे हैं। हम पिछले 10 साल से इसकी (महिला आरक्षण) मांग कर रहे हैं। अब वे जनगणना, परिसीमन करने के लिए कह रहे हैं…वे (भाजपा सरकार) इसे कब लागू करेंगे, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।”
मुझे बहुत खुशी है कि महिला आरक्षण विधेयक आया लेकिन मुझे कसक है कि इसमें पिछड़ी जाति, SC, ST के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। अगर उन्हें नहीं मिलेगा तो मुझे डर है कि यह 33% आरक्षण उस वर्ग को चला जाएगा जो बस मनोनीत से होंगे…मैंने प्रधानमंत्री मोदी को इसे लेकर चिट्ठी लिखी है: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, भोपाल
19 सितंबर ऐतिहासिक बन गया है क्योंकि नई संसद में पहला बिल- महिला आरक्षण बिल आज पेश किया गया और मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही पारित हो जाएगा। फिलहाल हम सिर्फ 81 (महिला) सांसद हैं, इस बिल के बाद हमारी संख्या 181 के आसपास हो जाएगी…: महिला आरक्षण बिल पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी, मुंबई
यह बिल महिला सशक्तिकरण के संबंध में है। इसके माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 239AA में संशोधन करके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) दिल्ली में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की जाएंगी। अनुच्छेद 330A लोक सभा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण है: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
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