वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर की झड़प के बाद राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा आज भी हुआ है, संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्षी नेताओं ने इस मामले पर चर्चा के लिए कई नोटिस दिए इसी के साथ सरकार और विपक्ष के नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने हुई आइए जानते है दोनों सदनों में आज क्या-क्या हुआ।
दोनो सदनो में क्या-क्या हुआ?
1.कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा वे (चीन) हमारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं इस मुद्दे पर हम चर्चा नहीं करेंगे तो और क्या चर्चा करेंगे? हम सदन में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं यह कहने के बाद विपक्षी सांसद संसद से वॉकआउट कर गए।
2.केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संसद से विपक्ष के वॉकआउट पर कहा आज राज्यसभा में हमने विपक्षी दलों की हताशा और मर्यादा का पूर्ण अभाव देखा उनकी हताशा उस स्तर तक पहुंच गई है जहां वे संसद के कामकाज में किसी भी नियम-कायदों पर विश्वास नहीं करते हैं।
3.विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चीन पर दिए बयान पर टिप्पणी की लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमें अपने जवानों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आलोचना नहीं करनी चाहिए हमारे सैनिक यांग्त्से में 13,000 फीट की ऊंचाई पर खड़े हैं और हमारी सीमा की रक्षा कर रहे हैं उनका सम्मान और सराहना की जानी चाहिए।
4.जयशंकर ने यह कहते हुए भी सवाल किया अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो भारतीय सेना को सीमा पर किसने भेजा अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो आज चीन पर डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं? हम सार्वजनिक रूप से क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं?
5.सीमाओं पर कथित चीनी घुसपैठ को लेकर चर्चा की मांग को सोमवार को सभापति ने खारिज कर दिया सभापति जगदीप धनखड़ ने नियम 267 के तहत दिए गए सभी नौ नोटिस यह कहते हुए खारिज कर दिए कि वे नियमों के तहत नहीं हैं लेकिन कांग्रेस और अन्य पार्टियां कामकाज स्थगित करने की अपनी मांग पर अड़ी रहीं, ताकि इस मुद्दे पर चर्चा की जा सके।
6.कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर बहस की मांग करते हुए कहा कि घाटी में निर्दोष नागरिक अपनी जान गंवा रहे हैं अधीर रंजन चौधरी ने कहा आज कश्मीरी पंडित कश्मीर छोड़ रहे हैं आतंकी कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाने के लिए उनके नामों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं ऐसे में सदन में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।