INDIANEWS (इंडिया न्यूज़), BJP vs RAHUL: अजीत मेंदोला- विधानसभा चुनाव में हुई हार से सबक ले कांग्रेस इस बार केरल में लोकसभा चुनाव को लेकर काफी सजगता बरत रही है।यही वजह है कि राहुल गांधी को दूसरी सीट पर चुनाव लड़ाने की घोषणा में देरी की जा रही है। सूत्रों की माने तो पार्टी ने तय कर लिया है कि उत्तर प्रदेश से गांधी परिवार का एक ही सदस्य चुनाव लड़ेगा और वह राहुल गांधी ही होंगे। प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी। सिर्फ यह तय होना है कि राहुल अमेठी से लडेंगे या रायबरेली से। कांग्रेस इन दोनों सीट पर अलग रणनीति अपनाए हुए है।केरल की चुनावी रणनीति के तहत ही रायबरेली और अमेठी को अभी तक छोड़ा गया है।
बीजेपी से मिले हुए हैं राहुल
कांग्रेस को आभास था कि वामदल वाला फ्रंट इस बार उनके खिलाफ आक्रामक रहेगा और राहुल को दूसरी जगह से चुनाव लड़ाने को लेकर मुद्दा बना देगा। हुआ भी वही, वाम दलों ने इस बार राहुल गांधी के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी में कोई कमी नहीं रखी हुई है। मतदान का दिन जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है दोनों दलों के बीच एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए जाने लगे हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने तो राहुल पर निजी हमले भी शुरू कर दिए। राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने को लेकर विजयन पहले ही सवाल उठा चुके थे अब नागरिक संशोधन अधिनियम पर राहुल के बीजेपी से मिले होने तक आरोप लगा दिए।
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इस बार के केरल चुनाव दिलचस्प
दरअसल बीजेपी इस बार केरल में मजबूती से चुनाव लड़ रही है। दो-तीन सीटों पर वह लड़ाई में बताई भी जाती है।वामदलों की चिंता इसी बात को लेकर है कि बीजेपी की अगर केरल में एंट्री हो गई तो उससे सबसे ज्यादा वह प्रभावित होंगे। ऐसे में वह अपने को कमजोर नहीं होने देना चाहते हैं। उनकी रणनीति यही है कि विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कमजोर किया जाए। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले राहुल के खिलाफ एनी राजा को चुनावी मैदान में उतार दिया। उसके बाद हमला बोला कि राहुल को उत्तर भारत से चुनाव लड़ना चाहिए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस वाला गठबंधन अमूमन वामदल वाले गठबंधन पर भारी पड़ता रहा है। लेकिन इस बार जो माहौल है उसे देखते हुए केरल का चुनाव दिलचस्प हो गया है।
इंडी गठबंधन का कोई मतलब नहीं बचा
राहुल और मुख्यमंत्री विजयन आमने -सामने आ गए हैं। कई बार लगता है कि आने वाले दिनों में वामदल इंडी गठबंधन में रहेगा भी या नहीं। क्योंकि आम चुनाव में जो हालात बनते जा रहे हैं उन्हें देख कर लगता है कि इंडी गठबंधन चुनाव बाद शायद ही बना रहे। हालांकि कांग्रेस दावा कर रही है कि बीजेपी वाला गठबंधन इस बार नहीं जीत रहा है। लेकिन ऐसा दिखता नहीं है। केरल जैसे राज्य में इंडी गठबंधन का कोई मतलब नहीं रह गया है। बंगाल में भी यही स्थिति है। अब केरल में कांग्रेस जिस तरह से चुनाव लड़ रही है वही अपने आप में हैरान करने वाला है। राहुल की वायनाड सीट को बचाने के लिए कांग्रेस को मुस्लिम लीग जैसे दल के आगे झुकना पड़ा। राज्यसभा की एक सीट मुस्लिम लीग को देनी पड़ी। यही नहीं राहुल की रैली में मुस्लिम लीग के झंडे नहीं फहराए गए तो कांग्रेस ने भी अपने झंडे नहीं फहराए। कांग्रेस इतने दबाव में रही।
इन सब हालातों को देख कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी जैसी सीट पर कोई नाम ही घोषित नहीं किया।यही बात अब निकल कर आ रही है कि कांग्रेस वायनाड को लेकर कोई खतरा नहीं उठाना चाहती थी।अगर राहुल का नाम यूपी से घोषित करती तो केरल में विपक्ष मुद्दा बनाता।इसलिए केरल में वोटिंग के बाद कांग्रेस रायबरेली और अमेठी का फैसला करेगी।पार्टी भाई बहन को एक साथ चुनाव लड़ाने का कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती है,इसलिए राहुल के ही चुनाव लड़ने की संभावना है। इसको लेकर अमेठी में तैयारी भी शुरू हो गई है।26 अप्रैल से नामांकन शुरू होंगे और 3 मई अंतिम तारीख है। पांचवे चरण में 20 मई कोअमेठी और रायबरेली में वोटिंग होगी।समाप्त