India News (इंडिया न्यूज), Pawan Kalyan On Hindi Row: जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने पार्टी के 12वें स्थापना दिवस पर धर्म और भाषा के मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म हमें एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करना सिखाता है, धर्म के नाम पर राजनीति नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि गलती को धर्म से जोड़ना गलत है, बल्कि सही मायने में धर्मनिरपेक्षता को समझना जरूरी है।
हिंदी भाषा विवाद पर पवन कल्याण ने उठाये सवाल
हिंदी भाषा विवाद पर पवन कल्याण ने तमिलनाडु का उदाहरण देकर दोहरे मापदंड अपनाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ हिंदी थोपने का आरोप लगता है, वहीं दूसरी तरफ तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करके उत्तर भारत में रिलीज किया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ से पैसे चाहिए तो हिंदी से नफरत क्यों?
भारत को बांटने की कोशिश न हो
पवन कल्याण ने साफ किया कि भारत को केक समझकर बांटने की कोशिश कोई न करे। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान शिव का कैलाश उत्तर में हिमालय में है और उनके पुत्र मुरुगन दक्षिण में रहते हैं, उसी तरह भारत एक है. उन्होंने कहा कि न तो कोई देश को बांट सकता है और न ही किसी में ऐसा करने की हिम्मत है. गौरतलब है कि भाषा के मुद्दे पर पवन कल्याण के बयान से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी हिंदी थोपे जाने का विरोध किया था। उन्होंने बोला था कि केंद्र सरकार को सारी 22 भाषाओं को एक समान दर्जा ही देना चाहिए। पवन कल्याण का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में भाषा को लेकर नई बहस शुरू हो गई है।