इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Planes Crashed 478 Times In A Year) : गत एक वर्ष में कई निजी एयरलाइन कंपनियों के विमानों में तकनीकी खराबी आने के कारण इमरजेंसी लैंडिंग की घटनाएं देखी गईं है। इसे लेकर सरकार और डीजीसीए काफी सख्त हो गए हैं। डीजीसीए ने हाल ही में कंपनियों के आडिट का भी निर्देश दिया है, जिसके बाद कई बड़ी खामियों का पता चला है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा यात्री सुरक्षा सर्वोपरि

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घरेलू एयरलाइंस में बार-बार तकनीकी गड़बड़ी होने पर कहा कि हमारे लिए यात्री सुरक्षा सर्वोपरि है और हम इस मामले में कोई समझौता नहीं कर सकते। नागरिक उड्डयन मंत्री ने एक ब्रीफिंग में कहा कि हमने निर्णायक कार्रवाई की है, डीजीसीए ने स्पॉट चेक और आडिट किया है।

1 वर्ष में 478 बार सामने आयी तकनीकी गड़बड़ियां

नागरिक उड्डयन मंत्री ने एक लिखित उत्तर में लोकसभा को सूचित किया कि जुलाई 2021 से जून 2022 तक गत एक वर्ष में कुल 478 बार तकनीकी खराबी आयी। 2021 और 2022 में, भारत में कोई घातक दुर्घटना नहीं हुआ।

डीजीसीए ने दिखाई सख्ती

डीजीसीए ने विमानों में तकनीकी खराबी को देख सख्ती करते हुए स्पाइसजेट को आठ सप्ताह के लिए अधिकतम 50 प्रतिशत उड़ानें संचालित करने का आदेश दिया है। डीजीसीए ने ऐसा इसलिए कदम उठाया है क्योंकि उसके कई विमानों ने हाल ही में तकनीकी खराबी की सूचना दी थी। नागर विमानन महानिदेशालय ने इसके साथ ही सभी एयरलाइनों को अब सभी स्टेशनों पर प्रशिक्षित स्टाफ को तैनात करने का निर्देश दिया है। ताकि विमानों की वस्तु स्थिति पर पूरी तरह नजर रखा जा सकें।

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