इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
PM Address In Gurdwara Lakhpat Sahib Programme प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वर्चुअली गुजरात में गुरुद्वारा लखपत साहिब के कार्यक्रम को संबोधित किया। दरअसल, कच्छ में स्थित इस गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी के गुरुपर्व को समर्पित समारोह आयोजित किया गया था। कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि कोरोना काल में गुरुद्वारों ने समाज की बहुत सेवा की। उन्होंने कहा, हमारे देश में जब गुरु नानक देव जी ने अवतार लिया था उस समय तमाम विडंबनाएं और रूढियां थीं। तब बाहरी हमले भी हो रहे थे। इसी के साथ अत्याचार देश का मनोबल तोड़ रहे थे।
संकट में गुरु नानक देव जी ने देश में प्रकाश फैलाया (PM Address In Gurdwara Lakhpat Sahib Programme)
पीएम ने कहा कि भारत विश्व का भौतिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शक था लेकिन गुरु नानक देव जी के अवतार के समय हमारा देश खुद ही संकट में था। इसी संकट को देख गुरु नानक देव जी ने देशभर में उस समय अगर अपना प्रकाश न फैलाया जाता, तो देशवासी समझ लें कि क्या होता? गुरु नानक देवी जी के बाद भी सभी सिख गुरुओं ने देश को सुरक्षित रखने की राह दिखाई। प्रधानमंत्री ने कहा, हर सिख गुरु ने अपने-अपने समय में हमारे देश को जैसी जरूरत थी वैसा नेतृत्व दिया जो पीढ़ियों के लिए भी बाद में पथ प्रदर्शक बना।
गुरु तेग बहादुर जी का भी जिक्र किया (PM Address In Gurdwara Lakhpat Sahib Programme)
पीएम ने इस अवसर पर गुरु तेग बहादुर जी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी मानवता के प्रति अपने विचारों के लिए हमेशा अटल रहे।
उन्होंने कहा, वह अब भी भारत की आत्मा का लोगों को दर्शन करवाते हैं। गुरु तेग बहादुर जी बताते हैं कि आतंकवाद और मजहबी कट्टरता से देश कैसे लड़ता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) गुरु नानक देव जी अपनी यात्रा के दौरान लखपत में ठहरे थे। गुरुद्वारा लखपत साहिब में उनकी कुछ वस्तुएं रखी हुई हैं, जैसे खड़ाऊं और पालकी सहित पांडुलिपियां और गुरुमुखी लिपि।
समय की हर गति का साक्षी रहा गुरुद्वारा लखपत साहिब (PM Address In Gurdwara Lakhpat Sahib Programme)
पीएम मोदी ने गुरुद्वारा लखपत साहिब के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए करतारपुर कॉरिडोर बनाने के साथ ही अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब को भारत लाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, हाल ही में हम अफगानिस्तान से ससम्मान गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भारत लाने में सफल रहे हैं।
पीएम ने कहा, कुछ महीने पहले जब मैं अमेरिका गया था, तो अमेरिका ने उस समय भारत को 150 से ज्यादा ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाईं। मोदी ने कहा, गुरुद्वारा लखपत साहिब समय की हर गति का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा, मुझे याद है कि लखपत साहिब ने कैसे-कैसे झंझावातों को देखा है। एक समय दूसरे देशों में जाने और व्यापार के लिए यह स्थान प्रमुख होता था।
सिख पंथ के प्रति प्रधानमंत्री की गहरी आस्था (PM Address In Gurdwara Lakhpat Sahib Programme)
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिख पंथ के प्रति गहरी आस्था है। इसका उदाहरण वर्ष 2001 में उस समय देखने को मिला जब कच्छ में भीषण भूकंप आने के कारण गुरुद्वारा लखपत साहिब को काफी क्षति पहुंची थी।
बता दें कि नरेन्द्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने गुरुद्वारा लखपत साहिब की मरम्मत का काम तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। इसके अलावा पीएम की आस्था हाल के अन्य अवसरों पर भी देखने को मिली जब गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व, गुरु गोबिन्द सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व और गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व मनाया गया।
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