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PM Mementos e-Auction: पीएम मोदी को मिले स्मृति चिह्नों को घर लाने का आखिरी मौका, प्रधानमंत्री ने की बोली लगाने की अपील

India News(इंडिया न्यूज), PM Mementos e-Auction: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश में मिले लगभग 912 स्मृति चिन्ह ई-नीलामी में 100 रुपये से शुरू किया गया है। जहां लोग ऑनलाइन बोली लगा सकते हैं। जिसके बाद उन चिन्हों को घर भी ला सकते हैं। इस निलामी से प्राप्त हुई राशि नमामि गंगे पहल का समर्थन करेगी। फिलहाल ई-नीलामी का 5वां दौर चल रहा है। ई-निलामी 2 अक्टूबर से शुरू हुआ है। जो कि 31 अक्टूबर तक चलेगा। इन स्मृति चिन्हों की प्रदर्शनी दिल्ली में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में किया गया है।

तीन स्मृति चिन्हों पर जनता का ध्यान

ई-नीलामी में लगाए गए वस्तुओं में भगवान लक्ष्मी नारायण विट्ठल और देवी रुक्मिणी की मूर्ति, बछड़े के स्मृति चिन्ह के साथ कामधेनु, जेरूसलम की स्मारिका, अरनमुला कन्नडी, भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और भगवान हनुमान की पीतल की मूर्ति शामिल हैं। साथ ही राम दरबार की मूर्ति, और स्वर्ण मंदिर का मॉडल भी शामि है।

मिली जानकारी के मुताबिक लोग इस समय सबसे ज्यादा बोली भगवान लक्ष्मी नारायण विट्ठल और देवी रुक्मिणी पर लगा रहे हैं। इसके बाद कामधेनु के साथ बछड़े की स्मृति चिन्ह और जेरूसलम की स्मारिका पर दाम लगाए जा रहे हैं। भारत की अध्यक्षता में जी20 के तीन स्मृति चिन्हों पर भी जनता का ध्यान जा रहा है।

सांकेतिक भाषा यात्रा का आयोजन

इस प्रदर्शनी में विशेष रूप से दिव्यागों के लिए व्यवस्था की गई है। जिसमें एनजीएमए दृष्टिबाधित लोगों के लिए स्पर्श-और-महसूस यात्रा और श्रवण बाधितों के लिए पीएम मोदी स्मृति चिन्ह प्रदर्शनी को समर्पित एक सांकेतिक भाषा यात्रा का आयोजन कर रहा है। नीलामी की कीमत सीमा 100 से 65 लाख रुपये तक है।

केंद्र सरकार की नमामि गंगे कार्यक्रम प्रमुख पहल हमारी राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण और पुनर्स्थापन और इसके नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने के लिए समर्पित है। आम जनता इस लिंक पर लॉग इन करके ई-नीलामी में भाग ले सकती है- https://pmmementos.gov.in/#/

संस्कृति मंत्रालय ने दी जानकारी

संस्कृति मंत्रालय के अनुसार इस ई-नीलामी की उत्कृष्ट कलाकृतियों में मोढेरा सूर्य मंदिर और चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ जैसे वास्तुशिल्प चमत्कारों की प्रतिकृतियां शामिल हैं। चंबा रुमाल, पट्टचित्रा, ढोकरा अमार्ट, गोंड कला और मधुबनी कला जैसे उल्लेखनीय टुकड़े हमारे विविध समुदायों के मूर्त और अमूर्त दोनों पहलुओं को समाहित करते हुए स्थायी और गहन सांस्कृतिक सार को दर्शाते हैं।

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Shanu kumari

दिल से पटना और दिमाग से दिल्ली में रह रहीं शानू अब एन. आर. बी (नॉन रेजिडेंट बिहारी) बन चुकी हैं । पत्रकारिता में पिछले तीन सालों से एक्टिव हैं। अभी इंडिया न्यूज दिल्ली में नेशनल डेस्क पर कार्यरत है। इसे पहले Awni TV में काम कर चुकी है। साथ ही ऑल इंडिया रेडियो पर कई टॉक का हिस्सा रहीं हैं। इंडियन पालिटिक्स के अलावा इंटरनेशनल पालिटिक्स में विशेष रुचि है। पत्रकारिता के माध्यम से सरकार और जनता को जोड़े रखने की सतत इच्छा है।

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