INS Vikrant:

भारत के लिए आज बहुत खुशी की बात है कारण है भारतीय नौसेना को आज उसका दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर मिल गया है। बड़ी बात ये है कि ये एयरक्राफ्ट कैरियर पूरी तरह स्वदेशी है। बता दें इस एयरक्राफ्ट कैरियर का नाम है आईएनएस “विक्रांत (INS Vikrant)” जिसे आज पीएम मोदी ने केरल के कोच्चि में  देश को समर्पित कर दिया है। कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। खास बात ये है कि इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी।

INS विक्रांत के पुनर्जन्म की पूरी कहानी

बता दें कारगिल के बाद 1999 में भारत ने तय किया की हमें देस की सुरक्षा के लिए एक एयर क्राफ्ट कैरियर बनाना चाहिए। लेकिन इसे बनाने की चुनौती 2002 में ली गई इसके बाद अटल की कैबिनेट ने इसे बनाने की मंजूरी दे दी और ये बनना शुरू भी हो गया। तब भारत इसे बनाने के कुछ सामान रूस से लेता था। लेकिन बात तब बिगड गई जब रूस ने भारत को 2005 में उन कुछ सामानों में से एक सामान देने से माना कर दिया। दरअसल रूस ने जिस सामान को भारत को देने से मना किया था उसका नाम है वर्शिप ग्रेड स्टिल।

 

भारत ने आपदा को औसर में बदला

रूस के द्वारा वर्शिप ग्रेड स्टिल ना देने के कारण इस काम को दो साल तक रोक दिया गया। लेकिन कहते हैं न जो होता है अच्छे के लिए ही होता है। दो साल तक काम रूकने के बाद DRDO और स्टिल अथॉरिटी ने इस आपदा को औसर में बदला और भारत ने खुद से ही वर्शिप ग्रेड स्टिल डेवलप कर लिया। एक बार फिर इस के काम की शुरूआत कर दि गई 2009 को इसकी कील रखी गई और 2012 तक इसका ढ़ाचां तैयार कर लिया गया। खास बात ये है कि 2013 तक इसे लांच भी कर दिया गया। साथ ही साथ 2020 में इसे बेसिन ट्रायल में उतारा गया और इसके बाद आज इसे पीएम मोदी के द्वारा भारतीय नौसेना को सौप दिया गया। खबरों के मुताबीक इसे पूरी तरीके से ऑपरेट 2023 तक किया जाएगा।

1997 में INS विक्रांत को नेवी से कर दिया गया था रिटायर

गौरतलब है 31 जनवरी 1997 में INS विक्रांत को नेवी से रिटायर कर दिया गया था। अब तकरीबन 25 साल बाद जब INS विक्रांत का पुनर्जन्म हो रहा है। ऐसे में पूरे देश के लिए ये गर्व की बात है। बता दें 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मनों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। ऐसे में हमारे नौ सेना को एक ऐसा नयाब तौफा मिला है जो ना सिर्फ नौ सेना के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।

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