PM Modi On Cheetah Project: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन के मौके पर कूनो नेशनल पार्क में 3 चीतों को छोड़ दिया है। पार्क के अंदर इन सभी चीतों को विशेष बाड़ों में रखा गया है। नामीबिया से भारत लाए गए इन चीतों को पीएम मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में बॉक्स को खोलकर तीन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा है। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने इनकी तस्वीरें खींची। प्रधानमंत्री मोदी ने चीतों को छोड़ने के बाद देश को संबोधित किया।
अपनी जड़ों से दूर होकर हम बहुत कुछ खो बैठते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “जब समय का चक्र हमें अतीत को सुधारकर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है। आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है। दशकों पहले जैव विविधता की जो कड़ी टूट गई थी। आज उसे जोड़ने का हमें मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “जब हम अपनी जड़ों से दूर होते हैं तो बहुत कुछ खो बैठते हैं। इसलिए आजादी के इस अमृतकाल में हमने अपनी विरासत पर गर्व और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति जैसे पंचप्राणों के महत्व को दोहराया है।”
चीतों के पुर्नवास के लिए नहीं किया गया कोई सार्थक प्रयास
प्रधानमंत्री ने कहा कि “हमने पिछली सदी में वो समय भी देखा है जब प्रकृति के दोहन को शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक मान लिया गया था। साल 1947 में जब देश में सिर्फ आखिरी तीन चीते बचे थे तो उनका भी शिकार कर लिया गया। यह दुर्भाग्य रहा है कि हमने साल 1952 में चीतों को विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुर्नवास के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। आज आजादी के अमृतकाल में देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास में जुट गया है। अमृत में वह ताकत होती है जो मृत को भी पुनर्जीवित कर सकता है।”
चीतों की वापसी के लिए की गई पूरी प्लानिंग
अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि “यह एक ऐसा काम है जिसे कोई भी महत्व नहीं देता। हमने इसके पीछे पूरी ताकत लगा दी, पूरी प्लानिंग की गई, वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च की और फिर वहां के एक्सपर्ट भी भारत आए। पूरे देश में चीतों के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र के लिए सर्वे हुए, जिसके बाद कूनो नेशनल पार्क को चुना गया। आज हमारी वह पूरी मेहनत परिणाम के रूप में हमारे सामने है।”
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