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PM मोदी के शपथ के दिन भारत में चमक-धमक, जानें इतने वैश्विक नेताओं के आने के कूटनीतिक मायने

India News(इंडिया न्यूज), Modi 3.0 Oath Ceremony: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह 9 जून की शाम को होने जा रहा है। इस अवसर पर भारत ने अपने पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है। समारोह में शामिल होने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे दिल्ली में मौजूद रहेंगे।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के अलावा ये नेता उसी शाम राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इन राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं। अपने तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में इन नेताओं की मौजूदगी को भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर’ नीति को उच्च प्राथमिकता देने के तौर पर देखा जा रहा है।

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भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने और अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को गहरा करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। इन नेताओं का आगमन भारत और इन देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के भारत के प्रयासों का प्रतीक है। चीन और पाकिस्तान को आमंत्रित न करने के भारत के फैसले को इन देशों के साथ भारत की आगामी विदेश नीति के रुख की निरंतरता के रूप में भी समझा जा सकता है।

भारत के संबंध और वैश्विक नेताओं के आगमन का महत्व

1- बांग्लादेश

भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत और घनिष्ठ संबंध हैं, खासकर व्यापार, जल संसाधन प्रबंधन और क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग के मामले में। शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की भागीदारी इस साझेदारी को और मजबूत करेगी। हाल ही में, दोनों देशों ने सीमा विवादों को सुलझाने और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

2- सेशेल्स

सेशेल्स के साथ भारत के संबंध सुरक्षा और समुद्री सहयोग से जुड़े हैं। सेशेल्स के उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों का समर्थन करती है। हिंद महासागर में समुद्री डकैती और अवैध मछली पकड़ने को रोकने के लिए सेशेल्स के साथ भारत का सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

3- मॉरीशस

भारत के मॉरीशस के साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं। शपथ ग्रहण समारोह में मॉरीशस के प्रधानमंत्री की भागीदारी दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में सहायक होगी। हाल ही में दोनों देशों ने ब्लू इकोनॉमी और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दिया है।

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4- मालदीव

हाल के महीनों में मालदीव के साथ भारत के संबंध काफी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। मालदीव के राष्ट्रपति के आगमन से दोनों देशों के बीच दूरियों को पाटने में मदद मिलने की उम्मीद है। मालदीव की मौजूदा सरकार स्पष्ट रूप से चीन के प्रभाव में दिख रही है। मालदीव के राष्ट्रपति की भारत यात्रा में चीनी हस्तक्षेप भारत-मालदीव संबंधों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश को विफल करने का प्रयास होगा।

5- भूटान

भारत और भूटान के संबंध ऐतिहासिक और रणनीतिक हैं। शपथ ग्रहण समारोह में भूटान के प्रधानमंत्री की भागीदारी से दोनों देशों के बीच ऊर्जा, जल प्रबंधन और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग और बढ़ेगा। हाल ही में दोनों देशों ने जलविद्युत परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी की भूटान यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों के महत्व को दर्शाती है।

6- श्रीलंका

श्रीलंका के राष्ट्रपति का आगमन भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत होते संबंधों का संकेत है। हाल ही में दोनों देशों ने आर्थिक विकास और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ श्रीलंका के साथ सहयोग भारत के लिए महत्वपूर्ण है।

7- नेपाल

नेपाल के प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से भारत-नेपाल संबंधों को मजबूती मिलेगी। भारत और नेपाल के बीच संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। हाल ही में दोनों देशों ने व्यापार और सीमा सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

आपको बता दें कि पीएम मोदी भारत के 16वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। वैश्विक नेताओं का आगमन और उनकी भागीदारी भारत की विदेश नीति और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। इससे न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे बल्कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति भी मजबूत होगी।

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Rajesh kumar

राजेश कुमार एक वर्ष से अधिक समय से पत्रकारिता कर रहे हैं। फिलहाल इंडिया न्यूज में नेशनल डेस्क पर बतौर कंटेंट राइटर की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले एएनबी, विलेज कनेक्शन में काम कर चुके हैं। इनसे आप rajeshsingh11899@gmail.com के जरिए संपर्क कर सकते हैं।

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