इंडिया न्यूज, न्यूयार्क
PM Modi UNGA Address प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए, अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए न हो, इसके लिए दुनिया को अलर्ट कर दिया। उन्होंने कहा, हमें इस बात के लिए सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थिति का कोई देश टूल की तरह इस्तेमाल न करे। अभी अफगानिस्तान की जनता, महिला, बच्चों और अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है और हमें इसमें अपना रोल निभाना होगा।
अपने संबोधन में पीएम ने इशारों में आतंकवाद को लेकर बिना नाम लिए पाकिस्तान पर भी करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो देश आतंकवाद का टूल के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं वह यह बात भूल रहे हैं कि आतंकवाद उनके लिए भी खतरा बनेगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत जहां अपनी आजादी के 75वें साल में 75 स्वदेश निर्मित उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है, वहीं कुछ देश आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
पीएम ने कहा कि आज विश्व के सामने रूढ़ीवादी सोच और चरपमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को विज्ञान आधारित, तर्कसंगत और और प्रगतिशील सोच को विकास का आधार बनाना ही होगा। पीएम मोदी ने समुद्री स्वतंत्रता को लेकर चीन पर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान पर अपने पिता की मदद करता था वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर यूएनजीए को संबोधित कर रहा है।
पीएम मोदी ने हाल के समय में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों और चीन के बीच मिलीभगत के लगे आरोपों का इशारा करते हुए वैश्विक संस्था को भी आईना दिखाया। उन्होंने कहा, यूएन पर आज कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को हमने क्लाइमेट क्राइसिस में देखा है, कोविड के दौरान देखा है। दुनिया के कई हिस्सों में चल रही प्रॉक्सी वॉर, आतंकवाद और अफगानिस्तान संकट ने इन सवालों को और गहरा कर दिया है। मोदी ने कहा, कोरोना की उत्पत्ति के संदर्भ और ईज आॅफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग को लेकर वैश्विक गवर्नेंस से जुड़ी संस्थाओं ने, दशकों के परिश्रम से अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है। ये आवश्यकता है कि हम यूएन को वैश्विक व्यवस्था, वैश्विक कानून और वैश्विक मूल्यों के संरक्षण के लिए निरंतर सुदृढ़ करें। गौरतलब है कि हाल ही में चीन से मिलीभगत को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक पर सवाल उठ चुके हैं।
पीएम मोदी ने समंदर में दादागिरी दिखाने वाले चीन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, हमारे समंदर भी हमारी साझा विरासत हैं, इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि समुद्रीय संसाधनों को हम यूज करें, एब्यूज नहीं। हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं। इन्हें हमें विस्तार और बहिष्कार की दौड़ से बचाकर रखना होगा। रूल बेस्ड आॅर्डर को सशक्त करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक सुर में आवाज उठानी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का वैक्सीन डिलीवरी प्लेटफार्म कोवीन, एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज लगाने के लिए डिजिटल मदद दे रहा है। उन्होंने कहा, मैं यूएनजीए को बताना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन विकसित कर ली है, जिसे 12 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। भारत के वैज्ञानिक एक नेजल वैक्सीन के निर्माण में भी लगे हैं। मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। पीएम ने कहा, मैं आज दुनियाभर के वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स को भी आमंत्रित करता हूं कि आइए और भारत में वैक्सीन बनाइए।
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