अजीत मैंदोला, नई दिल्ली:
PM Modi Visits Kedarnath: शिवनगरी काशी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवधाम केदारनाथ का भी कायाकल्प कर देश दुनिया के हिंदुओं को बड़ा सन्देश दिया। क्योंकि काशी के साथ हिंदुओं की बहुत बड़ी आस्था केदारनाथ धाम से भी जुड़ी हुई है। मोदी की इन कोशिशों से हिन्दू आस्था को और बल मिला। मोदी के केदारनाथ धाम को नया रूप देने और यात्रा के भी अपने कई मायने हैं। मोदी पीएम बनने के बाद से लगातार केदारनाथ आते रहे हैं। मोदी के शिवभक्त होने के चलते केदारनाथ के प्रति उनकी गहरी आस्था है भी।
3लेकिन इस बार केदारनाथ धाम का जो स्वरूप सामने आया है उसके कई मतलब हैं। हिदूं समाज को बड़ा सन्देश दिया है। केदारनाथ धाम की स्थापना करने वाले आदि शंकराचार्य की भव्य मूर्ति का अनावरण और मोदी ने अपने भाषण में जो कहा उसके कई राजनीतिक मायने भी हैं। मोदी के हिन्दू देवी देवताओं के प्रति श्रद्धा और प्रेम को देखते हुये विपक्ष के नेता भी अब चुनाव के समय मन्दिरो में जा फोटो जरूर जारी करने लगे हैं। लेकिन असर मोदी ही छोड़ते हैं।
इस बार की यात्रा का भी अपना बड़ा महत्व है। क्योंकि चार माह बाद यूपी जैसे बड़े राज्य के साथ चार और राज्यों का चुनाव भी होना है। इनमें पंजाब को छोड़ बाकी चार जगह बीजेपी की अपनी सरकारें हैं। मणिपुर और गोवा को अगर छोड़ दें तो यूपी और उत्तराखंड कहीं ना कहीं बीजेपी की प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। दोनों राज्यों को जीतने का मतलब लोकसभा की राह को आसान करना।
दोनों राज्यों से ही हिदूं कार्ड को ताकत मिलती है। उत्तराखण्ड तो देवभूमि है ही। वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन से चार महत्वकांशी योजनाएं ऐसी चल रही हैं जो बीजेपी को फिर से सत्ता में ला सकती है। उनमें सबसे महत्वपूर्ण योजना केदारनाथ धाम का फिर से भव्य निर्माण पूरा कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अपनी केदारनाथ यात्रा (PM Modi Visits Kedarnath) के दौरान सभी योजनाओं को सामने ला पूजा पाठ कर ऐसा सन्देश दिया है जिसका असर यूपी और उत्तराखण्ड के चुनावों पर पड़ना तय है। उत्तराखण्ड की दो और बड़ी परियोजनाएं जो अब नजर आने लगी हैं उनमें पहली है आॅल वेदर रोड़ और दूसरी बद्रीनाथ और केदारनाथ के करीब तक रेल लाइन का पहुंचना। ये योजनाएं ऐसी हैं जिससे उत्तराखण्ड की तो कायाकल्प होगी।
वहीं चीनी सीमा की सुरक्षा की लिहाज से देश के लिये बड़ी उपलब्धि होगी। विपक्ष भी अब समझने लगा है कि धार्मिक यात्राओं का क्या महत्व है, लेकिन कोई रणनीति न होने के चलते असर नहीं डाल पाता है। खासतौर पर कांग्रेस, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अपनी तरफ से कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन असर नहीं डाल पा रहे हैं।
हिंदुओ का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली में राहुल गांधी विदेश चले गए। प्रियंका गांधी परिवार के साथ शिमला चली गई। दीपावली जैसे त्यौहार पर भाई बहन सन्देश देने से चूक गए। बीजेपी इसी बात का फायदा उठाते हुए गांधी परिवार पर आरोप लगाती रही है कि गांधी परिवार हिन्दू धर्म और संस्कृति को जानता ही नहीं है। गांधी परिवार में हिन्दू संस्कृति को समझने और उसे मानने वाला केवल मेनका गांधी का परिवार है। जो इस समय बीजेपी में है। मेनका के सांसद बेटे वरुण गांधी उसी माहौल में बढ़े पले हैं, इसलिये वह सभी हिन्दू रीतिरिवाजों को जानते हैं और मानते भी हैं।
यूपी और उत्तराखण्ड का चुनाव कहीं ना कहीं हिंदू कार्ड के इर्दगिर्द ही घूमेगा। जाति और साप्रदायिकता की राजनीति को तोड़ने के लिये बीजेपी के पास हिंदू कार्ड ही सशक्त हथियार है। इसी के चलते बीजेपी लगातार मजबूत हो रही। बीजेपी के रणनीतिकार भी जानते हैं जातियों में बंटे लोगों धर्म के मुद्दे पर एक किया जा सकता है। क्योंकि विपक्ष अभी भी जाति और साम्प्रदायिक जैसे मुद्दों के सहारे बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस और सपा जैसी पार्टी यही उम्मीद लगा रही है जाति और मुस्लिम तुष्टिकरण के सहारे बीजेपी को यूपी में रोका जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले दिन से ही विपक्ष की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को टारगेट करते रहे हैं। उसका लाभ बीजेपी को मिल भी रहा है। इसलिये यूपी और उत्तराखण्ड में बीजेपी हिन्दू कार्ड को जमकर भुनायेगी। प्रधानमंत्री मोदी की केदारनाथ यात्रा से इसके संकेत मिले भी हैं। मोदी यह संदेश देने में कामयाब रहे हैं कि उनके राज में ही हिदूं देवी देवताओं को महत्व दिया जाता है। आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण, गर्भ गृह में पूजा, धाम के चारों तरफ बदलाव यह सब ऐसे काम हैं जो देश और दुनिया भर के हिंदुओं की आस्था को बल देते हैं।
यूपी और उत्तराखण्ड जैसे राज्यों पर इसका असर पड़ना स्वाभाविक है। बीजेपी चुनाव में सन्देश देने की कोशिश भी करेगी कि केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे धामों का पुनर्निर्माण उनके राज में ही किया गया। यूं भी यूपी में राम मंदिर, कश्मीर, कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों के सहारे ही बीजेपी चुनाव लड़ेगी। वाराणसी की कायाकल्प के बाद केदारनाथ के बदलाव को भी बीजेपी भुनायेगी। उत्तराखण्ड के साथ यूपी में बीजेपी को लाभ भी मिल सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ यात्रा से पूर्व सीमा पर सैनिकों के साथ दीपावली बना चुनाव वाले राज्यों के पूर्व सैनिकों को बड़ा सन्देश दिया था।
शुक्रवार को अपने भाषण में उन्होंने केदारनाथ की योजनाओं, उसके निर्माण, चारों धामों के लिये सड़को का जाल, करोड़ो के प्रोजेक्टों का अनावरण ओर उद्दघाटन कर कहा कि अगला दशक उत्तराखण्ड का है। एक तरह से उन्होंने यही संदेश दिया कि अब उत्तराखण्ड का कायाकल्प होगा। निश्चित रूप से चुनाव मे बीजेपी को लाभ होगा। मोदी कोरोना के चलते पिछले साल केदारनाथ यात्रा पर नहीं आ सके थे। बाकी वह हर साल यात्रा पर आते रहे है।
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