राजस्थान:- राजस्थान में सियासी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले जब राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो रहा था उस वक़्त भी राजस्थान में गहमा गहमी के हालात बने हुए थे, अब एक बार फिर से सियासत शुरू हो गई है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थक विधायकों के मूड को देखते हुए ये साफ़ समझ आ रहा है कि वो अब इंतज़ार करने के मूड में नहीं है. सचिन पायलट के समर्थक विधायक पार्टी आलाकमान तक यह संदेश पहुंचाने में जुटे हैं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर जल्द को नतीजा नहीं निकला तो वे किसी भी हद तक जा सकते हैं।
सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार पायलट खेमा
पायलट खेमा पार्टी से बगावत नहीं चाहता है लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर लगातार उनके बगावती तेवर नज़र आते हैं.सूत्रों के अनुसार पायलट खेमे के विधायकों ने ये तय किया है कि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि मंत्रियों और सीएम के करीबी नेताओं पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को भी सार्वजनिक किया जाएगा।ताकि राजनीति में राजस्थान में जो कुछ भी हो रहा है वो जनता के सामने खुलकर आये.
गहलोत समर्थक विधायकों के इस्तीफे को एक महीने पूरे, नहीं आया कोई निर्णय
गहलोत समर्थक विधायकों की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी को इस्तीफे सौंपे अब 39 दिन हो चुके हैं। लेकिन इन इस्तीफों पर न तो अब जोशी ने कोई निर्णय किया ना ही आलाकमान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने आ रही है. विधानसभा में प्रतिपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मुद्दे पर सियासत छेड़ दी है उन्होंने कहा है कि विधायकों के इस्तीफे देने से गहलोत सरकार अल्पमत में है। विधानसभा अध्यक्ष शीघ्र इस मुददे पर कोई निर्णय नहीं करेंगे तो भाजपा हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर जाएगी।बता दें कि गहलोत समर्थक विधायकों ने 25 सितंबर को इस्तीफे सौंपे थे।