We Women Want Conclave: वी वीमेन वांट कॉन्क्लेव में महाराष्ट्र की पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री और कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर और शिवसेना (शिंदे गुट) की नेता और प्रवक्ता शीतल मात्रे ने अपनी बात रखी। यशोमति ठाकुर ने कहा कि महिलाओं को सबसे पहले सम्मान चाहिए। यशोमति 33 महीने तक मंत्री थी, अपने कार्यकाल को लेकर उन्होंने कहा कि ज्यादा समय कोरोना महामारी में गया। इस महामारी में भी सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित हुई थी।

  • महिलाओं का चरित्र हनन करना आसान
  • शीतल ने शिंदे सरकार के काम गिनाए
  • महिला अपना काम ईमानदारी से करती है

शीतल मात्रे ने कहा कि जब समाज में शांति होती है तब महिलाओं की याद नहीं आती है। जब महामारी आती है तब सबसे पहले महिलाएं ही आगे आती है। कोरोना में जब सब कुछ थम गया था महिलाओं ने आगे आकर जिम्मेदारी ली थी। महिला बहुत मजबूत होती है पर उसे कभी मजबूत नहीं समझा जाता। जब महिला ऊपर पहुँचती है तो लोगों को लगता है कोई गलत काम करके आगे बढ़ी होगी। हमें बस इतना चाहिए की पुरुष हमें अपने जितना ही समझे।

कोरोना काल का अनुभव बताया

यशोमति ठाकुर ने कोरोना काल का अनुभव साझा किया और कहा कि कोरोना काल में हर दिन कुछ नया आता था। मैं अमरवती की इंचार्ज थी हर दिन कुछ न कुछ सरकार की तरफ से आता था, काफी मारामारी थी जिसे हैंडल किया गया। जब मैं अस्पताल गई तो पीपीई किट पहन कर गई थी। महिलाएं अपने काम के प्रति हमेशा सीरियस रहती है।

चरित्र हनन करना आसान

शीतल मात्रे ने राजनीती में महिलाओं की भागेदारी पर कहा कि महिलाएं कुछ करती है तो उनको पीछे खींचने वाले कई लोग होते है। राजनीती में काम करने वाली महिलाओं का चरित्र हनन करना आसान होता है। राजनीती में महिलाओं को अलग नज़र से देखा जाता है। अगर आप महिलाओं को राजनीती में आने की बात करते है हमें अपने सोच बदलनी पड़ेगी। हमारे सामने सुषमा स्वराज जैसी आदर्श है। शीतल ने महिलाओं के लिए किए गए शिंदे सरकार के काम भी गिनाए।

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