(इंडिया न्यूज डेस्क) Pongal festival:चार दिवसीय पोंगल उत्सव आज यानी शनिवार से शुरू हो गया है जो अगले 4 दिनों तक बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह उत्सव दक्षिण और पूर्वी भारत में बड़े ही पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। बताया जाता है कि पोंगल का यह त्योहार मुख्य रूप से भगवान को धन्यवाद करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। पोंगल पर्व पर सुख-समृद्धि के लिए वर्षा, धूप और कृषि से संबंधित चीजों की पूजा अर्चना की जाती है।
पोंगल के दिन ईश्वर को दिया जाता है धन्यवाद
तमिलनाडु के लोग इस उत्सव को नए साल के प्रवेश के रूप में देखते हैं। इस दिन नए फसल की कटाई की जाती है। जिससे भोजन के रूप में प्रसाद बनाए जाते हैं। गरीबों को भोजन खिलाया जाता है और वस्त्र वितरण किये जाते हैं अगले दिन गाय की पूजा की जाती है, जीव- जन्तुओं में भी प्रसाद का वितरण किया जाता है।
संक्षेप में कहें तो पोंगल का मतलब ही है हमारे पास ईश्वर के द्वारा दिया जो कुछ भी उसका धन्यवाद किया जाता है। पोंगल के पर्व को चार दिन तक अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। चार दिनों के इस उत्सव का पहला दिन भोगी पोंगल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन इंद्र देव को खुश करने के लिए पूजा की जाती है। पोंगल पर्व के दूसरे दिन को सूर्य पोंगल, तीसरे दिन मात्तु पोंगल और चौथे दिन को कन्नम पोंगल के रूप में मनाया जाता है।