India News(इंडिया न्यूज),Poonch Attack: शनिवार शाम जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सनाई टॉप इलाके में आतंकवादियों द्वारा भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के काफिले पर हमला किया गया। जिसमें एक सैनिक की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। यह हमला जरानवाली गली से शाहिस्तार टॉप की ओर जा रहे तीन वाहनों में से आखिरी वाहन था, जहां भारतीय वायुसेना का बेस है। जानकारी के लिए बता दें कि सड़क के किनारे पहाड़ियों पर पोजिशन लेने वाले आतंकवादियों ने गोलीबारी की और आखिरी काफिले के सामने के विंडस्क्रीन पर गोली चलाई, जिससे वाहन रुक गया। इसके बाद, उन्होंने काफिले पर साइड से गोलियां चलाना जारी रखा।
- 15 मिनट में 200 गोलियां
- IAF कर्मी की गई जान
- जांच में जुटे सुरक्षाकर्मी
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चली इतनी गोलियां
मिली जानकारी के अनुसार कथित तौर पर 15 मिनट के भीतर वाहन पर करीब 200 गोलियां चलाई गईं। हालांकि, वायुसेना कर्मियों द्वारा समय पर जवाबी कार्रवाई के कारण आतंकवादी पास के जंगलों में भाग गए। वहीं अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने वायुसेना के काफिले पर शनिवार को हुए हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन ऐसा संदेह है कि इसमें शामिल लोग इलाके की भौगोलिक स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है। यह भी संदेह है कि वे पिछले साल से सुरक्षा बलों पर हुए पिछले हमलों में शामिल रहे होंगे।
IAF कर्मी की गई जान
जानकारी के लिए बता दें कि, जबकि हमले के तुरंत बाद सभी घायल सैनिकों को निकाला गया और इलाज के लिए उधमपुर कमांड अस्पताल ले जाया गया, पाँच भारतीय वायु सेना कर्मियों में से एक की जान चली गई। 33 वर्षीय सैनिक की पहचान कॉर्पोरल विक्की पहाड़े के रूप में हुई है, जो मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले थे और नोनिया-करबल गाँव के निवासी थे। वह इस साल 18 अप्रैल को यूनिट में शामिल हुए थे। वहीं इस मामलेम में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और भारतीय वायुसेना के सभी कर्मी देश की सेवा में पुंछ सेक्टर में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर कॉर्पोरल विक्की पहाड़े को सलाम करते हैं। शोक संतप्त परिवार के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में हम आपके साथ मजबूती से खड़े हैं।
जांच में जुटे सुरक्षकर्मी
हमले के बाद पुंछ जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा बल इलाके में और उसके आसपास तलाशी भी ले रहे हैं और पूछताछ के लिए छह स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया है। शाहसितार, लसाना टॉप, सनाई टॉप, गुरसाई, शींधरा टॉप और आसपास के इलाकों की पहाड़ियों में आतंकवादियों की गतिविधियों का पता लगाने के लिए हवाई निगरानी भी शुरू की गई है। माना जा रहा है कि आतंकवादियों की संख्या चार थी। जांचकर्ताओं का मानना है कि स्थानीय लोगों ने आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी और उन्होंने हमले में अमेरिका निर्मित एम4 राइफल और एके-47 असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल किया था।