India News (इंडिया न्यूज़),Practicing Trishul: हिमाचल प्रदेश के लोगों को कुछ दिनों तक नींद नहीं आने वाली है क्योंकि, भारतीय लड़ाकू विमान राफेल, अपाचे और मिराज-2000 अपने अभ्यास के दौर में है। जिसकी गर्जन से पाकिस्तान और चीन की भी नींद उड़ चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार भारतीय वायु सेना चीन और पाकिस्तान की सीमा पर उत्तरी क्षेत्र में प्रमुख प्रशिक्षण अभ्यास त्रिशूल कर रही है। राफेल, मिराज 2,000 समेत लड़ाकू विमानों के साथ चिनूक, अपाचे सहित भारी-लिफ्ट परिवहन विमान और हेलिकाप्टरों के साथ अभ्यास किया जा रहा है। गुरु विशेष बल भी अभ्यास का हिस्सा है। जहां वायु शक्ति के सभी तत्वों का अभ्यास किया जा रहा है।

10 दिनों तक चलेगा अभ्यास

जानकारी के लिए बता दें कि, भारतीय लड़ाकू विमान का यह अभ्यास सत्र 4 से 14 सितंबर तक लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब सहित उत्तरी क्षेत्रों में होगा। वैसे लड़ाकू विमानों की आवाज से पड़ोसी देश के अलावा स्थानीय लोगों में भी दहशत का माहौल बन गया। चंबा के कई क्षेत्र जम्मू और कश्मीर की सीमाओं से सटे हैं। इधर, उप मंडलाधिकारी, सलूणी नवीन कुमार शर्मा, एसडीएम चुराह जोगिंदर पटियाल ने बताया कि उन्हें इस प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार, त्रिशूल युद्धाभ्यास की प्रक्रिया रविवार देर रात से ही शुरू हो गई थी। वहीं त्रिशूल युद्धाभ्यास भारत की उत्तरी सीमा पर 1400 किलोमीटर के क्षेत्र में किया जा रहा है। जिसमें पंजाब सहित जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के इलाके शामिल हैं। वायुसेना के जवान 14 सितंबर तक युद्ध की तमाम बारीकियों का अभ्यास करेंगे।

त्रिशुल अभ्यास का पड़ोसी को जवाब (Practicing Trishul)

जानकारी के लिए बता दें कि, भारत का त्रिशूल अभ्यास चीन और पाकिस्तान द्वारा शुरू किए गए ‘शाहीन एक्स’ नाम के संयुक्त वायु सेना अभ्यास का जवाब है। जहां चीन और पाकिस्तान का यह संयुक्त वायु सेना प्रशिक्षण अभ्यास अगस्त के अंत में शुरू हुआ और मध्य सितंबर तक जारी रहेगा।

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