इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
देश को मिली पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपने गांव से रायसीना हिल्स तक का सफर काफी संघर्षरत रहा है। ओडिशा के मयूरभंज जिले के गांव रायरंगपुर से निकलकर रायसीना हिल्स पहुंची मुर्मू ने यह उपलब्धि हासिल करके न केवल इतिहास रचा है, बल्कि उन लोगों को विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने का संदेश भी दिया है, जो अपने संघर्ष में एक-दो बार विफल होने पर हार मान लेते हैं।

उनके सफर में कई तरह की अटकलें आई, पर वह हारीं नहीं। मुर्मू न कभी थकीं न रुकी, बस आगे बढ़ती गईं। देश की पहली आदिवासी होने के साथ मुर्मू दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। वह एनडीए की प्रत्याशी थीं और उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया है। कल शाम ही परिणाम घोषित किए गए थे।

पति, भाई व बेटों सहित 5 स्वजन खोए, फिर भी नहीं हारीं

द्रौपदी मुर्मू के जीवन में ऐसा समय भी आया कि कुछ ही वर्ष में उनके परिवार में पांच मौतें हो गईं। वर्ष 2009 से 2015 के बीच उनके पति, भाई, दो बेटों व मां सहित पांच लोगों की मौत हो गई। इसके बावजूद वह हिम्मत नहीं हारीं।
इस संकट से उभरने के बाद मुर्मू ब्रह्मकुमारीज से जुड़ीं।

छह वर्ष में परिवार के पांच लोगों को खोने से डिप्रेशन में चली गईं

सौम्यता और विकास को ही राजनीति की धुरी मानने वाली मुर्मू ने 2016 में एक इंटरव्यू में जीवन के सबसे कठिन दौरे की कहानी बयां की था। मुर्मू ने कहा था कि उन्हें नींद नहीं आती थी और डिप्रेशन हो गया था। इसके बाद वह ब्रह्मकुमारीज से जुड़ी और खुद को इस आघात से बाहर लाने का संकल्प लिया। जीवन में ऐसे दुखभरे पड़ाव से किसी का भी मनोबल गिर सकता है, पर मुर्मू ने विवेक से काम लेकर खुद को संभाला

द्रौपदी मुर्मू के विजयरथ में कई रिकार्ड भी

द्रौपदी मुर्मू ने रायरंगपुर से रायसीना हिल्स तक के अपने विजय सफर में न केवल ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, बल्कि उन्होंने इस सफर में कई रिकार्ड भी स्थापित किए हैं। पहली आदिवासी राष्ट्रपति होने के साथ वह सबसे कम उम्र की भी राष्ट्रपति हैं। आजादी के बाद जन्मीं मुम देश की पहली राष्ट्रपति होंगी। भारत के इतिहास में राष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाली प्रतिभा पाटिल के बाद वह दूसरी महिला हैं।

बीजेपी इस जीत से खासतौर देना चाहती है यह संदेश

मुर्मू की जीत की घोषणा होते ही देशभर में जश्न शुरू हो गया। द्रौपदी मुर्मू के राष्टÑपति बनने की खुशी में आदिवासी समुदाय के साथ ही पूरे देश में जश्न मनाया गया। बीजेपी इस जीत से खासतौर पर महिलाओं को विशेष संदेश देना चाहती है, ताकि मुख्य धारा से कटे इस समुदाय में राजनीतिक संदेश जाए कि बीजेपी ही एक ऐसा राजनीतिक दल है जो सत्ता की नहीं, बल्कि देश के वंचित वर्गों व तबकों के लिए भी काम करता है।

बीजेपी दिल्ली मेकं निकालेगी विजय जुलूस

द्रौपदी मुर्मू की जीत की खुशी में बीजेपी देश की राजधानी दिल्ली में विजय जुलूस निकालेगी। यह पहली बार होगा, जब किसी राष्ट्रपति की जीत के बाद जुलूस निकाला जाएगा। बीजेपी के राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राजपथ तक इस जुलूस की अगुवाई करेंगे और इस दौरान वह संबोधित भी करेंगे।

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